वर्ष 2020 में जिले के म्याना इलाके में हुई हत्या के मामले में कोर्ट में SDOP और SI पर FIR दर्ज की है। उन पर युवक की हत्या का मामला दर्ज न करने और उसके भाई से थाने में गाली-गलौच और मारपीट का आरोप है। मृतक के भाई ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था। जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पुलिसकर्मियों पर FIR के आदेश दिए हैं। दोनों पर मारपीट, गाली-गलौच और शासकीय सेवक होते हुए कानून का उल्लंघन करने की धाराओं में FIR दर्ज की है।
दरअसल, म्याना इलाके के भैरों घाटी के रहे वाले छोटू खेरुआ ने अदालत में एक परिवाद दायर किया था। इसमें उसने बताया कि 28 मई 2020 को रात लगभग 10-11 बजे 4 व्यक्ति उसके भाई बट्टू को पकड़कर ले जा रहे थे। सुबह के समय उसके भाई का शव मिला था। 13 जून को सुबह लगभग 10-11 बजे चौकी उमरी से उसे फोन आया कि बयान देने चौकी आ जाओ। उसके बाद उसे व जमनाबाई, कल्लू व बल्लू को उमरी चौकी का दरोगा लेकर गया था। वहां पर तत्कालीन SDOP प्रियंका करचाम, थाना प्रभारी SI सीपी दीक्षित व अन्य पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की थी। प्रियंका करचाम ने उसके बाल पकड़कर चांटा मारा था और अन्य पुलिसकर्मियों ने बेल्ट से उसके साथ मारपीट की थी। सभी ने उसे बयान बदलने के लिए मारा था व गाली-गलौंच भी की थी। प्रियंका करचाम के कहे अनुसार अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे करंट भी लगाया था और जान से मारने की धमकी देते हुये वहां से भगा दिया था। उसके अलावा अन्य लोगों के साथ भी धक्का-मुक्की पुलिसकर्मियों के द्वारा की गई थी। मारपीट से उसकी पीठ, दाहिने हाथ व छाती में चोटे आई थी।
हत्या की FIR नहीं की दर्ज
छोटू के अनुसार 28 मई की घटना में पुलिस ने केवल मर्ग कायम किया। पुलिस इसे सुसाइड का केस मानकर चल रही थी, जबकि परिवार वालों का कहना था कि बट्टू की हत्या हुई है। उसके भाई ने 4 लोगों को उसे ले जाते हुए देखा भी था। जब FIR दर्ज नहीं हुई तो 3 जून को बट्टू के पिता ने म्याना थाना प्रभारी को आवेदन दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके बेटे की हत्या की गई है। इसके बाद भी पुलिस ने हत्या की FIR दर्ज नहीं की। इससे पहले 2 जून को SP को भी आवेदन सौंपा गया था। SP के निर्देशों के बाद म्याना पुलिस ने 13 जून को सभी को बयान देने के लिए थाने बुलाया। यहीं पर छोटू के साथ यह घटना हुई।
मेडिकल कराने कोर्ट में दिया आवेदन
13 जून को पुलिस ने मारपीट कर सभी को वहां से भगा दिया। इसके बाद उसी दिन ही छोटू ने न्यायालय में मेडिकल परीक्षण कराने के लिए आवेदन दिया। अपने आवेदन में उसने कहा कि पुलिस ने बयान बदलने का दवाब डालकर उसके साथ मारपीट की। इसलिए उसका मेडिकल परीक्षण कराया जाए। कोर्ट के आदेश पर उसकी मेडिकल जांच हुई। जांच रिपोर्ट में डॉक्टर ने यह अभिमत दिया कि उसको साधारण प्रकृति की चोटें हैं, जो किसी सख्त वस्तु द्वारा पहुंचाई गई हैं।
दोनों पुलिसकर्मियों पर FIR
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज की है। तत्कालीन SDOP प्रियंका करचाम और थाना प्रभारी SI सीपी दीक्षित के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौच और शासकीय सेवक होते हुए कानून का उल्लंघन करने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। अब दोनों पुलिसकर्मियों को उपस्थिति के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी।
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