शहर की 50 से ज्यादा अवैध काॅलोनियों में बिजली के अस्थाई कनेक्शन स्थाई होंगे। साथ ही इन काॅलोनियों में बांस-बल्लियों पर झूल रहे बिजली के तारों का जंजाल भी खत्म होगा। क्योंकि बिजली कंपनी अब ऐसी जगहों पर व्यवस्थित नेटवर्क बिछाएगी। 2009 से कंपनी ने घोषित-अघोषित अवैध काॅलोनियों में स्थाई बिजली कनेक्शन देना बंद कर दिए थे। साथ ही वहां बिजली के खंबे व लाइन भी नहीं डाली जा रही थीं। नगरीय निकायों के चुनाव के माहौल में सरकार ने यह घोषणा की थी। मई माह में विद्युत नियामक आयोग ने इसे लेकर दिशा-निर्देश का ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को भेजा था। अब इसके आधार पर गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है।
यह रहेगा शुल्क
500 वर्ग फुट प्लाट साइज पर कुल 34254, 501 से 1000 वर्ग फुट पर 51121, एक हजार से 1500 वर्ग फुट पर 70788 और 1501 से 2 हजार वर्ग फुट तक 88375 रुपए राशि जमा करना होगी।
यह प्रावधान था रोड़ा
नियामक आयोग के रेगुलेशन आरजी 31 में प्रावधान है कि प्राइवेट कॉलोनियों में यदि कॉलोनाइजर इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं करता है तो वहां परमानेंट कनेक्शन नहीं दिए जाएं। दस्तावेज के अभाव में इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं हो पाता था। लोग या 1 साल का टेंपरेरी कनेक्शन लेकर इस्तेमाल करते थे।
3 सबसे बड़े फायदे
1. सस्ती बिजली : बिजली कंपनी के सहायक महाप्रबंधक अजय तोमर ने बताया कि अवैध काॅलोनियों में अभी हम स्थाई कनेक्शन नहीं देते हैं। अस्थाई कनेक्शन लेने वालों को 8-9 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है। स्थाई होने पर उन्हें एक यूनिट के 4-5 रुपए चुकाना होंगे। यानि उनका बिजली बिल आधा हो जाएगा।
2. नेटवर्क का विस्तार : अवैध काॅलोनियों में बिजली नेटवर्क बिछाया जा सकेगा। यानि वहां खंबे, स्ट्रीट लाइट, केबल, ट्रांसफार्मर जैसी आधारभूत सुविधा दी जा सकेंगी। अभी तक कंपनी यह सब नहीं करा सकती थी। लोग बांस-बल्लियों के सहारे जुगाड़ का नेटवर्क खड़ा करते थे।
3. सप्लाई बेहतर : अवैध काॅलोनियों में ट्रांसफार्मर नहीं रखे जा रखे जा सकते थे। इसके चलते लोग पहले से रखे गए ट्रांसफार्मर से ही कई कनेक्शन जोड़ दिए जाते थे। इससे लो वोल्टेज की समस्या आती थी। साथ ही ओवर लोडिंग से ट्रांसफार्मर फुंक जाते थे। इस साल ही गर्मियों के दौरान शहर में कई जगहों पर लोग बहुत ज्यादा परेशान हुए। कई बार चक्का जाम, धरना प्रदर्शन भी किए गए।
अब नए प्रावधान
नया नोटिफिकेशन आ गया है..
"पहले अवैध काॅलोनियों में विद्युतीकरण का काम नहीं कराया जा सकता था। अब नया नोटिफिकेशन हो गया है। इससे हम घोषित व अघोषित दोनों तरह की कालोनियों में विद्युत नेटवर्क विकसित करवा सकेंगे।"
-अजय तोमर, सहायक महाप्रबंधक विद्युत कंपनी
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