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प्रदेश की 28 विस सीटों पर ढाई माह पहले हुए उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल की सात विस सीटों पर भाजपा को मिली हार का खामियाजा जनता भुगत रही है। उन विस सीटों से विकास की सौगात छीनी जा रही हैं, जहां कांग्रेस को उपचुनाव में जीत मिली। मुरैना, दिमनी, सुमावली, गोहद, करैरा, ग्वालियर पूर्व और डबरा विस सीटों से करीब 24 करोड़ का बजट नगरीय प्रशासन विभाग ने वापस मांग लिया है।
इनमें वे विकास कार्य शामिल हैं, जिनका उपचुनाव से पहले सीएम, मंत्रियों ने शिलान्यास-भूमिपूजन किए थे। कांग्रेस से जीते विधायक प्रदेश सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि जो स्टेडियम, सड़क, नाला-नाली, सब्जी मंडी, मुक्तिधाम और बस स्टैंड बेहद जरूरी थे, वे अचानक से गैर जरूरी क्यों हो गए। वहीं भाजपा के टिकट पर उपचुनाव हार चुके पूर्व विधायकों का कहना है कि यदि काम नामंजूर कर दिया है तो जैसे हम मंजूर करवाकर लाए थे, वैसे ही नए विधायक मंजूर करवाकर लाएं।
गोहद- रणवीर जाटव चुनाव हारे ताे नपा से 9.11 करोड़ की राशि वापस ली
गोहद नपा को नगर में सड़क, पानी, यात्री प्रतीक्षालय, मुक्तिधाम, टाउनहॉल, ऑडिटोरियम के लिए नौ करोड़ 11 लाख रुपए मंजूर किए गए थे। लेकिन भाजपा के रणवीर जाटव के उपचुनाव हारने के बाद इस राशि को सरकार ने वापस मांग लिया है। इस संबंध में नपा सीएमओ रामप्रकाश जिगनेरिया का कहना है कि बजट वापसी के संबंध में नगरीय प्रशासन भोपाल से पत्र आया था।
इस पत्र के बाद आठ करोड़ से अधिक की राशि भेज दी है। इधर, विधायक मेवाराम जाटव का कहना है कि गोहद विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर शासन द्वारा उपेक्षा की जाएगी तो हम अपना पक्ष विधानसभा की कार्रवाई में रखेंगे। इसके लिए सीएमओ से बात की जाएगी।
डबरा- जिस स्टेडियम काे मील का पत्थर बताया, वाे अब गैरजरूरी हाे गया
डबरा के चांदपुर तिराहा के पास 2.30 करोड़ से स्टेडियम मंजूर किया था। प लेकिन उपचुनाव में हार के बाद इस कार्य को रद्द करते हुए नपा से 1.5 करोड़ की राशि वापस मंगवा ली। नपा सीएमओ प्रदीप भदौरिया का कहना है कि राशि शासन को वापस भेज दी है। विधायक सुरेश राजे का कहना है कि उपचुनाव में भाजपा की प्रत्याशी इमरती देवी की हार के कारण सरकार ने स्टेडियम ग्राउंड का कार्य रद्द किया है।
करैरा- पहले सब्जी मंडी और तालाब को जरूरी बताया, अब 5.42 करोड़ वापस ले लिए
उपचुनाव से ठीक पहले अक्टूबर में करैरा नगर में नई सब्जी मंडी के लिए 2.92 करोड़ और नए तालाब के लिए 2.50 करोड़ रुपए नगर परिषद करैरा को जारी हुए थे। अब इस सीट पर भाजपा के जसमंत जाटव को उपचुनाव में हार मिली तो 5.42 करोड वापस ले लिए हैं। प्रशासक राजन नाडिया का कहना है कि आचार संहिता की वजह से पैसे का उपयोग नहीं हो पाया। रिमांडर आया था, राशि वापस भेजी।
मुरैना- 7.31 कराेड़ का बजट वापस, इससे मुरैना, दिमनी और सुमावली विस प्रभावित
मुरैना विस सीट पर उपचुनाव में मिली हार के बाद राज्य सरकार ने 7.31 करोड़ रुपए का बजट वापस मांग लिया है। इतने बजट में 28 विकास कार्य होने थे। इनमें ज्यादातर काम सड़कों से जुड़े हुए थे। नगर निगम सीमा में मुरैना विस के साथ दिमनी और सुमावली विस का भी क्षेत्र आता है।
इन तीनों ही विस सीट पर भाजपा हार गई थी। इधर मुरैना विस सीट से भाजपा के टिकट चुनाव लड़कर हारे रघुराज कंसाना का कहना है कि हमारी पहल पर मुख्यमंत्री ने 37 करोड़ रुपए उपचुनाव से पहले नगर निगम को दिए थे। निगम अफसरों की लापरवाही के चलते सात करोड़ रुपए के काम अब तक शुरू नहीं हो पाए, इस कारण यह राशि शासन को सरेंडर करने की नौबत आई है।
सीधी बात- ओपीएस भदौरिया, नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री
सरकार की मंशा सबके लिए समान, बजट संकट के कारण कुछ विकास कार्य रोके हैं
जहां भाजपा चुनाव हार गई, वहां से नगरीय प्रशासन विभाग विकास कार्याें का पैसा वापस क्यों मांग रहा है। क्या यह भेदभाव नहीं है।
-ऐसा नहीं है। सरकार किसी तरह का भेदभाव नहीं कर रही। यह जरूर है कि कोरानाकाल की वजह से सरकार ने बजट संकट को देखते हुए कुछ विकास कार्य रोके हैं। ताकि जनकल्याणकारी योजनाएं सुचारू रूप से चल सकें।
जहां कांग्रेस जीती, वहीं विकास कार्य क्यों रद्द किए। भाजपा विधायकों के क्षेत्र से विकास कार्य क्यों नहीं रोके गए।
-सभी जगह के लिए सरकार की मंशा समान है। हम किसी तरह के भेदभाव के पक्षधर नहीं हैं। कुछ जगह तकनीकी दिक्कतों के कारण भी समस्या हो सकती है। बजअ वापस दिलाने का प्रयास करेंगे।
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