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शहर के वार्डों से रोजाना निकलने वाले कचरे को नगर पालिका के सफाई कर्मचारी मेला ग्राउंड में डंप कर रहे हैं, जबकि कचरे को ग्राम रछेड़ी में ट्रेंचिंग ग्राउंड पर डंप किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। मेला परिसर में कचरे का डंप होने से सुभाष नगर, महावीर गंज कॉलोनी के लोग बदबू से परेशान हो रहे हैं।
वहीं लोगों का कहना है कि कचरे से उठने वाली बदबू से हम लोगों का घरों में रहना भी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा पक्षी कचरे को चोंच में दबाकर घर की छत पर डाल जाते हैं। हम लोगों के द्वारा कई बार मेले में कचरा डंप करने का विरोध भी किया गया है। उसके बाद भी नगर पालिका अधिकारियों के द्वारा हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए नगर पालिका के पास लगभग 504 सफाईकर्मी हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली, ट्रक, छोटे लोडिंग कचरा वाहन सहित 50 के करीब वाहन हैं, जिनसे कचरा एकत्र कर मेला परिसर में फेंका जाता है।
नपाकर्मी वार्डों से इकट्ठा कचरे को मुख्य सड़क पर रखते हैं और वहां से इस कचरे को लोडिंग वाहनों में भरकर शहर से बाहर फेंकना होता है, लेकिन पिछले एक साल से सफाई कर्मचारी शहर के कचरे को मेला परिसर में डंप कर रहे हैं।
संक्रमण फैलने का बढ़ा खतराः सुभाष नगर और महावीर गंज के स्थानीय निवासी अमित जैन, दिनेश चौहान, मुकेश शिवहरे, निशकांत ओझा आदि ने बताया कि शहर के सभी 39 वार्डों से हर रोज लगभग 45 टन कचरा निकलता है।
जिसका उठाव नगर पालिका सफाई कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है। लेकिन उसको शहर से बाहर ट्रेचिंग ग्राउंड पर न फेंककर मेला परिसर में डंप कर देते हैं। जिससे मेला परिसर के आसपास 24 घंटे बदबू आती रहती है। इस कारण से लोग परेशान हो रहे हैं।
इस संबंध में नपा जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से कई दफा शिकायत की है। लेकिन उसके बाद भी कचरे को डंप अभी भी किया जा रहा है,कई टन कचरा डंप होने से आसपास क्षेत्र का पर्यावरण दूषित हो रहा है। ऐसी हालात में हम सभी को बीमारियां फैलने का डर सता रहा है।
बच्चों के खेलने के लिए मैदान भी नहीं रहाःस्थानीय लोग बताते हैं कि जब मेले में कचरा डंप नहीं होता था, उस समय मेला परिसर के खाली मैदान में दोनों कॉलोनियों के बच्चे खेला करते थे,लेकिन जब से कचरा डंप होने लगा है, तभी से बच्चों के लिए खेलने का मैदान भी छिन गया है।
पक्षी छतों पर डाल जाते हैं कचरा
अमित जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि मेले परिसर में डंप कचरे से पक्षी अपनी चोंच में खाने की सामग्री दबाकर (जूठन) आसपास के मकानों की छत पर आकर बैठक जाते हैं। इसके अलावा गलियों में घूमने वाले कुत्ते कचरे में पड़े हुए मवेशियों के अंग मुंह में दबाकर कॉलोनियों गलियों में घूमते रहते हैं। इसके अलावा हवा चलने पर कचरे की बदबू इतनी तेज आती है कि घर के अंदर रुकना भी दूभर हो जाता है। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
बुधवार तक मेला परिसर की सफाई करा देंगे
मेला परिसर में कचरा ट्रांसफर स्टेशन बना रखा है। यहां से कचरे को वाहनों के द्वारा ट्रेचिंग ग्राउंड भेजा जाता है। यह बात सही है कचरे से उठने वाली बदबू से स्थानीय लोग परेशान हैं। बुधवार तक मेले में डंप कचरे का पूरी तरह से उठाव कर लिया जाएगा।
-राजवीर सिंह, एचओ, नपा भिंड
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