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केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में लाए गए तीन नवीन कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने रेलवे स्टेशन पर पटरियों पर लेटकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। विरोध प्रदर्शन के दौरान कोई हिंसक घटना घटित ने हो इसके लिए रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ, देहात थाना पुलिस और सिटी कोतवाली पुलिस मौजूद रही।
गौरतलब है कि गुरुवार सुबह 10 बजे कृषि कानून के विरोध में रेल रोको अभियान के तहत संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी और किसान रेलवे स्टेशन पहुंचे। सर्व प्रथम उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तीनों नवीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की, जिसके बाद मोर्चा पदाधिकारी और कार्यकर्ता स्टेशन की पटरियों पर लेट गए।
पटरियों पर लेटे हुए प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने उठने के लिए कहा तो किसान बोले हम शाम 4 बजे तक विरोध प्रदर्शन करने के लिए आए हैं, आप लोगों के कहने पर पटरियों से उठ जाएं यह हो नहीं सकता। इसके लिए चाहे हम लोगों को आप जेल में ही क्यों न डाल दो। मोर्चा पदाधिकारियों और किसानों के आक्रोश को देखे हुए पुलिस अधिकारी पीछे हट गए।
किसानों के हित में तीनों कृषि कानून वापस ले केंद्र सरकार: देवेंद्र सिंह चौहान
विरोध प्रदर्शन के दौरान मोर्चा के वरिष्ठ पदाधिकारी देवेंद्र सिंह चौहान ले कहा कि किसान अपने हक व अधिकार के लिए तीनों नए कृषि कानून के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करने में लगे हैं। इस कानून में कई ऐसी विसंगतियां हैं। जिसमें किसानों के हित की अनदेखी की गई है। किसानों को लगने लगा है कि नए कृषि कानून केवल पूंजीपतियों के हित को देखते हुए बनाया गया है।
अन्नदाताओं को उनका हक व अधिकार दिलाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा हमेशा उनके साथ खड़ा है। किसानों के हित को देखते हुए तीनों कृषि कानून को सरकार वापस ले। इन तीनों नए कृषि कानून के खिलाफ पिछले तीन महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। कृषि कानून किसानों के लिए काला कानून के समान है। इनमें कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य कानून , कृषि कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून शामिल है।
सरकार को आम आदमी की जेब का ख्याल नहीं
सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसान नेता अनिल दौनेरिया ने कहा कि एक तरफ कृषि कानून को लेकर परेशान है, वहीं दूसरी ओर देश में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दिनों-दिन बढ़ रहे दामों ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाते समय आम लोगों की जेब का सरकार द्वारा ख्याल नहीं रखा जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के बढ़ते भाव पर अंकुश लग नहीं लगा पाने के कारण आमजन परेशान है। केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार सिर्फ लोगों को मंहगाई कम करने का सिर्फ झूठा आश्वासन दे रही है।
आम नागरिक और जनता की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इस मौके पर विनोद सुमन, किशोरी लाल शाक्य, बीके बौहरे, विश्वनाथ सिंह, डॉ. नदीम खान, जनार्दन रेड्डी, नाथू सिंह बघेल, सूरज यादव, शैलेंद्र राजौरिया, संदीप कुशवाह,सूरज रेखा त्रिपाठी, गोपाल गुप्ता, महेश्वरी जाटव,गौरीशंकर, श्रीकृष्ण, कविंद्र मिश्रा, पान शाक्य, सुरेश, राय सिंह, सुरेश, रायसिंह वृंदावन ट्रेलर,डॉ. नदीम खान मौजूद रहे।
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