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किसान आंदोलन के समर्थन मे शनिवार को डबरा व भितरवार के किसानों ने ग्वालियर-झांसी हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। इससे नेशनल हाईवे पर चार घंटे तक पूरी तरह से वाहनों के पहिए थमे रहे। जाम के कारण रोड के दोनों ओर 10 हजार से ज्यादा वाहन फंस गए और लंबी लाइन लग गई।
वाहनों के बाहर बैठकर वाहन चालक व यात्री जाम खुलने का इंतजार करते रहे। इस दौरान ग्वालियर से आ रहे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के काफिले को भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। किसान उनके काफिले के सामने लेट गए और निकलने नहीं दिया, जिसकी वजह से उन्हें वापस ग्वालियर की ओर लौटना पड़ा। पूर्व से सूचना होने के चलते प्रशासन व पुलिस भी पूरी तरह से सतर्क रहा, जिससे किसी प्रकार का विवाद या घटना नहीं हुई।
दरअसल, कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहे आंदोलन के समर्थन में शनिवार को नेशनल हाईवे जाम करने का निर्णय लिया गया था। इससे शनिवार को सुबह नौ बजे से ही किसान ग्वालियर-झांसी हाईवे पर सिमरिया टेकरी पर पहुंचना शुरु हो गए थे। सुबह 11 बजे किसानों ने हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्रॉली आड़ी लगाकर जाम लगा दिया और खुद रोड पर बैठकर कृषि कानूनों को वापस जाने को लेकर नारेबाजी करते रहे।
सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे हाईवे पर आवागमन पूरी तरह से बंद रहा। ग्वालियर की ओर टेकनपुर बायपास तक वाहनों की लाइन पहुंच गई थी। वहीं डबरा की ओर पिछोर ओवरब्रिज तक जाम पहुंच गया था। दोपहर तीन बजे जाम खुलने के बाद भी करीब एक घंटे बाद ट्रैफिक सामान्य हो सका। वहीं पूर्व नियोजित जाम के चलते एडीशन एसपी जयराज कुबेर सहित प्रशासन के अधिकारी व काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। हालांकि किसानों द्वारा केवल एंबूलेंस को निकलने की अनुमति दी गई थी।
पुलिस ने बेरीकेड्स लगाकर रोके वाहन
किसानों द्वारा नेशनल हाईवे जाम की पहले से ही प्रशासन व पुलिस को सूचना दे दी गई थी, जिसके चलते प्रशासन व पुलिस भी पूरी तरह से तैयार रही। जाम के दौरान वाहन चालकों और किसानों के बीच विवाद की स्थिति न बने तथा जाम खुलने के बाद ट्रेफिक अधिक प्रभावित न हो इसके लिए दोनों ओर पांच-पांच किलोमीटर पहले ही पुलिस ने बेरीकेड्स लगाकर वाहनों को रोक दिया था। साथ ही सभी वाहनों को एक लाइन में लगवाया गया, जिससे बाद में परेशान न हो। इस वजह से जाम खुलने के बाद वाहन आसानी से निकलते रहे।
शहर के वाहन दूसरे रास्तों से निकले
किसान आंदोलन के चलते शनिवार को हाईवे जाम की पहले से सूचना होने के चलते शहर के अधिकांश लोग एक तो ग्वालियर सहित अन्य जगहों पर जाने से बचे। हालांकि जो लोग आवश्यक होने के चलते ग्वालियर गए भी तो वह दूसरे रास्तों से होकर गए।
किसी ने छीमक से होकर आंतरी वाला मार्ग पकड़ा तो कोई चीनौर होते हुए शीतला माता मंदिर रोड से पहुंचा। इसके अलावा यात्री वाहन तो पिछोर रोड होते हुए जंगीपुरा बिलौआ मार्ग से होकर ग्वालियर शहर पहुंचे। हालांकि इन रास्तों से यात्रा मुश्किल भरी रही और समय भी अधिक लगा।
झारखंड के पूर्व सीएम के काफिले को लौटाया
ग्वालियर से दतिया की ओर जा रहे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवरदास का काफिला भी इस दौरान सिमरिया टेकरी तक पहुंचा। इस दौरान उनके सुरक्षा बलों ने काफिले को निकालने के काफी प्रयास किए, लेकिन किसान तैयार नहीं हुए। यहां तक कि किसान उनके काफिले के सामने ही लेट गए, जिसके चलते उन्हें वापस ग्वालियर की ओर लौटना पड़ा।
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