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ग्राम पंचायत धमनिका के गुंझार क्षेत्र में सोमवार की सुबह आठ बजे शौच करने खेत पर गए 4 और 8 साल के दो भाइयाें की वहां पड़े बिजली के तारों से करंट लग गया और माैके पर ही मौत हो गई। खेत मालिकों ने मटर की फसल को मवेशियाें से बचाने के लिए बिजली के तार डाले थे।
इन्हीं ताराें से बच्चाें काे करंट लग गया। बच्चों की मौत के बाद परिजन व ग्रामीणाें ने खेत मालिक के खिलाफ एफआईआर करने की मांग को लेकर सिटी थाना का घेरा। इसके बाद गिजौर्रा थाने में खेत मालिक पिता व उसके दो पुत्रों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।
दतिया जिले के लांच क्षेत्र के ग्राम खेरोना निवासी राममिलन केवट अपने परिवार के साथ ग्राम पंचायत धमनिका के गुंझार क्षेत्र में ईंट भट्टे पर काम करने के लिए आया था और कई दिनों से यहीं रह रहा था। उसके परिवार में पत्नी विमला और दो बेटे 8 साल का गणेश और 4 साल का कृष्णा था।
सोमवार की सुबह करीब आठ बजे उसके दोनों बेटे गणेश व कृष्णा शौच करने के लिए खेत पर गए थे, तभी वे एक खेत मे डले बिजली के तारों की चपेट में आ गए और करंट लगने से उनकी मौत हो गई। खेत में दोनों बच्चों को पड़ा हुआ देखकर ईंट भट्टे पर काम कर रही एक लड़की ने राममिलन को सूचना दी। इसके बाद परिजन व साथ में काम करने वाले अन्य लोग दोनों बच्चों को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद परिजन व अन्य लोगों ने सिटी थाने का घेराव करते हुए खेत मालिक पर मामला दर्ज करने की मांग की। गिजौर्रा थाना प्रभारी शक्ति सिंह यादव ने उन्हें समझाया और पोस्टमार्टम के बाद मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया। बाद में पुलिस ने खेत मालिक टीकाराम व उसके दो पुत्र दीपक शर्मा व रामेश्वर शर्मा के खिलाफ धारा 304ए तथा 135 विद्युत अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर ली।
काश! मैं अपने बेटाें के साथ उधर चला जाता
गांव में खेती बाड़ी नहीं है, इसलिए यहां आकर ईंट भट्टे पर मैं और पत्नी काम कर रहे थे। रोज की तरह पत्नी ने सुबह चाय बनाई, इसके बाद दोनों बच्चों को जगाकर चाय और टोस्ट दिए। बच्चे चाय और टोस्ट खाने के बाद शौच के लिए गए थे।
दोनों रोज इसी तरह जाते थे, इसलिए ध्यान नहीं दिया। क्या पता था कि खेत में बिजली के तार डले होंगे और दोनों बेटे लौटकर ही नहीं आएंगे। काश! मैं उनके साथ चला जाता तो मेरे बेटे शायद जिंदा हाेते। हमारा तो सब कुछ बर्बाद हो गया।
-जैसा बच्चों के पिता राममिलन केवट ने दैनिक भास्कर को बताया।
सिटी थाने का किया घेराव, बोले- एफआईआर दर्ज करो
बच्चों की मौत के बाद जब परिजनों व उसके रिश्तेदारों की घटना की जानकारी मिली तो लोग मौके पर पहुंचे। जहां से मृतक बच्चों को थाने लाया गया। इस दौरान सिटी थाने पर आक्रोशित लोगों का भीड़ जुट गई। लोक खेत मालिक पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग करते रहे। इसके बाद सिटी थाने के अफसरों की गिजोर्रा थाने बात हुई तब जाकर खेत मालिक व उसके दो बेटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
सवाल: क्या ईंट भट्टा मालिक की कोई जिम्मेदारी नहीं?
दाे बच्चाें की करंट लगने से माैत के बाद मजदूरी करने वाले राममिलन का परिवार एक तरह से बर्बाद हाे गया। इस मामले में खेत के चाराें ओर अवैध रूप से बिजली के तार बिछाने वाले पिता-पुत्राें के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर भी कर ली गई लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या उस ईंट भट्टे के मालिक की कोई जिम्मेदारी नहीं है जहां राममिलन और उन जैसे कई मजदूर परिवार दूसरे शहरों से यहां काम करने आए हैं।
दरअसल, ई्ंट भट्टा मालिक की जिम्मेदारी बनती है कि जो भी मजदूर परिवार उनके यहां काम करने आएं, उनके रहने के साथ शौच सहित अन्य जरूरी सुविधाएं वह उपलब्ध कराए। लेकिन क्षेत्र में संचालित ज्यादातर ईंट भट्टों पर ऐसी व्यवस्था नहीं है। इसी के चलते मजदूरों के सामने ऐसी परिस्थतियां आती हैं।
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