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छह साल पहले स्टेट हाईवे 19 के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन के एवज में कई लोगों को अब तक मुआवजा नहीं दिया गया। कई बार इसकी शिकायत की गई, आश्वासन मिलने के बाद भी, जिम्मेदारों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। नाराज ग्रामीण अब प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। इस संबंध में उन्होंने कलेक्टर को आवेदन दिया है कि यदि जल्द ही मुआवजा नहीं मिला, तो वह भूख हड़ताल के लिए मजबूर होंगे।
छह साल पहले दतिया सेंवढ़ा स्टेट हाईवे का निर्माण हुआ था। उस वक्त लोगों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। हालांकि उस वक्त कुछ लोगों को तो मुआवजा दे दिया गया, लेकिन कई लोग रह गए। जो मुआवजे के लिए परेशान हो रहे हैं। वहीं कुछ समय पहले सड़क का चौड़ीकरण किया गया था, उस वक्त भी कई लोगों की जमीन अधिग्रहीत की गई, उसका मुआवजा भी अब तक लोगों को नहीं मिला।
मंगरौल निवासी अवधेश त्यागी ने बताया कि आराजी क्र. 374 रकवा 0.012 हेक्टेयर आराजी क्र. 985 रकवा 0.035 हेक्टेयर आराजी क्रं. 716 रकवा 0.02 है स्थित मौजा मंगरौल में से राज्यमार्ग क्रमांक 19 का विस्तार तथा पुलिया निर्माण के लिए अधिग्रहीत की गई थी। लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया।
कलेक्टर दतिया के द्वारा पत्र जारी कर संभागीय प्रबंधक मध्यप्रदेश सडक विकास निगम चंबल संभाग ग्वालियर मध्य प्रदेश तथा तहसीलदार सेंवढ़ा की ओर पत्र भेज कर संयुक्त रूप से मौका निरीक्षण कर अधिग्रहीत भूमि जो सड़क विस्तार एवं पुलिया निर्माण के लिए ली जा रही है का मौका मुआयना करने का आदेश भी जारी किया गया था, लेकिन न तो संभागीय प्रबंधक मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम चंबल संभाग ग्वालियर द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और इसी से दुखी होकर अब ग्रामीण जन भूख हड़ताल पर बैठ रहे है।
आधा सैकड़ा लोगों को नहीं मिला मुआवजा
अवधेश त्यागी, आशाराम त्यागी, संजीव त्यागी, वेदराम कुशवाह, चंद्र कुशवाहा, शारदा देवी पत्नी रामसिया त्यागी, कल्लू शर्मा, कृपाराम त्यागी, रामझाल कुशवाह, रामकुमार त्यागी, दिलाशाराम त्यागी, गंगराम कुशवाह, महेश त्यागी, नत्थू त्यागी, रणवीर त्यागी, गोविंद जाटव, जगदीश प्रसाद त्यागी, कन्हैयालाल बड़ेरे सहित आधा सैंकड़ा ग्रामीण हैं, जिनकी भूमि सड़क निर्माण के दौरान अधिग्रहण की गई थी। लेकिन इसका मुआवजा अब तक नहीं दिया। जिससे ग्रामीण परेशान हो रहे हैं।
बैठक में बुलाया, लेकिन अधिकारी ही नहीं आए
मुआवजा देने के संबंध में कलेक्टर के निर्देश पर एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया था कि चार फरवरी को कलेक्टोरेट कार्यालय में उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीणों को फोन पर सूचना देकर कार्यालय बुलाया गया।
ग्रामीण किराए से वाहन करके कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, लेकिन एमपीआरडीसी के अधिकारी वहां नहीं पहुंचे। इस संबंध में जब ग्रामीणों द्वारा फोन लगाया गया, तो उन्हें बताया गया कि वाहन उपलब्ध न होने की वजह से वह नहीं आ सकते, इसलिए बैठक स्थगित कर दी गई है। जिसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्टर को आवेदन दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि यदि उन्हें मुआवजा नहीं मिला, तो वह 11 फरवरी से भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
दूसरी बार बनी सड़क, नहीं दिया मुआवजा
पिछले छह साल में सड़क का निर्माण दो बार हो गया है। पहले जो सड़क बनाई गई थी, वह उखड़ चुकी थी। वहीं ट्रैफिक को देखते हुए सड़क का चौड़ीकरण करना जरूरी था। इसलिए पिछली साल 2020 में सड़क का चौड़ीकरण किया गया। इसमें 7 मीटर चौड़ी सड़क को 10.5 मीटर तक बनाया गया है। इसमें भी ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहण की गई, लेकिन अब भी कई किसान मुआवजे के इंतजार में है। लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
भू-अर्जन संबंध फाइल कलेक्टर कार्यालय में है
^भू अर्जन संबंध फाइल कलेक्टर कार्यालय दतिया में है। किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
अनुराग निंगवाल, एसडीएम सेंवढ़ा
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