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मरीजों की सुविधा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भांडेर में लगाई गई लाखों रुपए की मशीनें धूल खा रही है। या तो मशीनें खराब पड़ी हैं या फिर उन्हें चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। जिससे इनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इलाज के लिए अस्पताल आने वाले मरीजों को मशीनें बंद होने की वजह से दतिया या झांसी रैफर किया जाता है। जिससे उन्हें खासी परेशानी होती है। हैरानी यह है कि अधिकारियों के निरीक्षण में भी यह बात सामने आ चुकी है, बावजूद इन बंद पड़ी मशीनों को शुरू कराने के लिए प्रयास नहीं किए गए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भांडेर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहे हैं। नई बिल्डिंग बनने के बाद आवश्यक मशीनरी भी उपलब्ध कराई गई। अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिहाज से तमाम मशीनें मौजूद है। लेकिन उनका संचालन नहीं हो पा रहा है। अस्पताल में पिछले एक साल से सीबीसी मशीन खराब पड़ी है। उसे ठीक नहीं कराया जा रहा। इसके अलावा ईसीजी व डेंटल चेयर मशीन भी मौजूद है। लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ न होने की वजह से इनका भी इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
जब इन मशीनों की आवश्यकता पड़ती है, तब या मरीजों को प्राइवेट दिखाना पड़ता है। या फिर उन्हें दतिया जिला अस्पताल या झांसी रैफर कर दिया जाता है। लोगों द्वारा समय समय पर इसकी शिकायतें भी की गई, लेकिन इस ओर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अब तक ध्यान नहीं दिया गया। लोगों ने मशीनों का संचालन शुरू कराने की मांग की है।
सीबीसी मशीन
सीबीसी मशीन सभी अस्पतालों में बेहद आवश्यक है। सीडब्ल्यूसी यानि कंप्लीट ब्लड काउंट मशीन से मरीजों के रक्त से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियों का परीक्षण किया जा सकता है। प्राइवेट जांच करा मरीजों को 200 से 250 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन अस्पताल में यह सुविधा बिल्कुल फ्री है। लेकिन यह मशीन पिछले एक साल से खराब पड़ी है। बताया जा रहा है कि कैमिकल न होने की वजह से मशीन बंद है।
ईसीजी मशीन
ईसीजी मशीन का इस्तेमाल दिल संबंधी बीमारियों की जांच करने के लिए किया जाता है। इस मशीन की सहायता से व्यक्ति के बहुत तेज या धीमी धड़कन, अनियमित दिल की धड़कन, दिल का दौरा, दवा का रिएक्शन होना, सोडियम व पोटेशियम जैसे खनिजों का असंतुलन आदि जांचों के लिए किया जाता है। यह मशीन एक साल पहले अस्पताल में आ गई थी। लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ न होने की वजह से इसका संचालन नहीं हो पा रहा है।
डेंटर चेयर
कुछ समय पहले ही यह मशीन अस्पताल में आई है। लेकिन अब तक इसका इस्तेमाल नहीं हो सका। क्योंकि अब तक मशीन के संचालन के लिए न तो डेंटल स्पेशलिस्ट हैं और न ही प्रशिक्षित स्टाफ। चूंकि वर्तमान में दांतों में समस्या आना आम बात हो गई है। दांतों की समस्या से पीड़ित मरीज प्रतिदिन अस्पताल पहुंचते हैं। लेकिन यहां मशीन होने के बावजूद उन्हें फायदा नहीं मिल पा रहा है।
सिर्फ समय बर्बाद होता है
ग्वालियर जाना पड़ता है
मशीनें जल्द चालू हो जाएं
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