पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
मुरैना जिले में जहरीली शराब से हुई थोकबंद 24 लोगों की मौत का सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने जिले में बनने और बिकने वाली कच्ची शराब पर पिछले 15 दिन के अंदर ताबड़ तोड़ कार्रवाई की। पुलिस और आबकारी विभाग ने कंजर डेरों पर जेसीबी मशीन से जमीन के अंदर गड़ी हुई शराब को ढूंढ़कर निकाला और उसी जमीन में दफनाया।
इस ताबड़तोड़ कार्रवाई में 15 दिन के अंदर ही प्रशासन ने तीन करोड़ से अधिक कीमत की शराब नष्ट की। इससे न केवल तस्करों की कमर टूट गई बल्कि शराब बनाने वालों के हौंसले भी पस्त हो गए और अब छिपने तक की जगह नहीं मिल रही है। कंजर डेरे सूने पड़े हैं। यही नहीं कच्ची शराब का असर यह हुआ कि शहर के अंदर और बाहरी इलाकों में बिकने वाली कच्ची शराब 80 प्रतिशत बंद हो गई है। ग्रामीण इलाकों में अभी भी शराब बेची जा रही है।
बता दें कि मुरैना में जहरीली शराब से 24 लोगों की कुछ घंटों के अंदर मौत हो गई थी। जो लोग जीवित बच गए उनकी आंखों की रोशनी चली गई। तो कुछ अभी भी जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। ऐसी त्रासदी दतिया जिले में न हो इसलिए पुलिस अधीक्षक डॉ. अमन सिंह राठौड़ और जिला आबकारी अधिकारी निधि जैन ने मुरैना की घटना संज्ञान में आते ही जिले में कार्रवाई शुरू करा दी। सबसे बड़ी कार्रवाई 15 जनवरी को हुई। जिले के 11 थानों की पुलिस ने 12 कंजर डेरों पर दबिश दी और एक ही दिन में सबसे ज्यादा दो करोड़ रुपए कीमत की कच्ची शराब जब्त की।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के हमीरपुर के अलावा गोराघाट, इंदरगढ़, पंडोखर, भांडेर, थरेट, बसई थाना क्षेत्रों में कंजर डेरों पर सुबह 10 बजे कार्रवाई प्रारंभ हुई और देर शाम तक चली। पुलिस की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई थी। इसी कार्रवाई ने कच्ची शराब बनाने वाले माफियाओं की कमर तोड़कर रख दी।
वहीं जिला आबकारी अधिकारी जैन को मुरैना का प्रभार मिलने के बाद जिले की कमान केएल भगौरा ने संभाली और उन्होंने टीआर वर्मा व अपनी युवा टीम के साथ शेष कंजर डेरों पर दबिश देकर पिछले पांच दिन में एक करोड़ से अधिक कीमत की कच्ची शराब के ठिकानों को ध्वस्त किया। गुरुवार को उनाव पुलिस ने अपने थाना क्षेत्र में दबिश देकर कंजर डेरे को ध्वस्त कर दिया।
सालों से पनप रहे थे काले कारोबार
कच्ची शराब बनाने के काले कारोबार एक दो साल नहीं बल्कि दशियों पुराने हैं। इनमें हमीरपुर कंजर डेरा भी शामिल है। कच्ची शराब बनाने वाले हमीरपुर डेरा कंजरों पर 20 साल पहले एक झोपड़ी थी। आज संपत्ति के मामले में पूरे गांव में कंजर जाति के लोग सबसे आगे हैं। दो मंजिला पक्के मकान, सभी मकानों में एसी सुविधा, कई एकड़ जमीन, ट्रैक्टर, चार पहिया, दो पहिया वाहन के अलावा और भी कई सुविधाएं हैं।
हमीरपुर कंजर डेरा के लोग शहर के अंदर ही बम-बम महादेव, हमीरपुर तिराहा पर शराब बेचते थे। जबकि झड़िया गांव के रहने वाले कंजर करनसागर के सामने शराब बेचने का कारोबार करते थे। अब यह स्थान सूने पड़े हैं। न शराब बेचने वाले हैं और न शराब खरीदने वाले नजर आ रहे हैं।
अवैध कारोबार पूरी तरह बंद हो जाएगा
कच्ची शराब पर कुछ दिनों में प्रशासन ने अच्छी सख्ती दिखाई है। इस तरह की कार्रवाई आगे भी लगातार चलते रहना चाहिए। पुलिस और आबकारी विभाग लगातार इन क्षेत्रों का निरीक्षण करते रहें तो फिर से इन्हें शराब बनाने का मौका नहीं मिलेगा। इससे धीरे धीरे यह कारोबार पूरी तरह बंद हो जाएगा।
-मोहित दुबे, रामनगर कॉलोनी
सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखेंगे
हमारी कार्रवाई कलेक्टर महाेदय के निर्देश पर लगातार चल रही है। हमारी लोगों से भी अपील है कि अगर कहीं शराब बनाने और अवैध शराब बिक्री होते पाए जाए तो हमें गोपनीय तरीके से सूचना दे सकते हैं। हम सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखकर तत्काल कार्रवाई करेंगे। हमारी टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं।
-केएल भगौरा, प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी, दतिया
पॉजिटिव- आर्थिक दृष्टि से आज का दिन आपके लिए कोई उपलब्धि ला रहा है, उन्हें सफल बनाने के लिए आपको दृढ़ निश्चयी होकर काम करना है। कुछ ज्ञानवर्धक तथा रोचक साहित्य के पठन-पाठन में भी समय व्यतीत होगा। ने...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.