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जनता के प्रति प्रशासन का गैर जिम्मेदाराना रवैया मंगलवार को नगर में देखने को मिला। सैकड़ों प्रदर्शनकारी तहसील परिसर में ज्ञापन सौंपने पहुंचे, भीड़ को देखकर दफ्तर में बैठे एसडीएम अनुराग निंगवाल तहसीलदार को साथ लेकर आगजनी की घटना का बहाना बनाकर भाग निकले।
मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक प्रदीप अग्रवाल ने एसडीएम को ज्ञापन लेने के लिए फोन लगाया तो एसडीएम बोले- कल (सोमवार को) एक ज्ञापन ले लिया था... मैं रोज-रोज ज्ञापन लेने के लिए फ्री नहीं हूं। इसके बाद लोगों ने कलेक्टर संजय कुमार को फोन लगाया तो उन्होंने कहा-मुझे ज्ञापन देना है तो इधर(दतिया) आओ।
खास बात यह है कि जब प्रदर्शनकारी तहसील से बाजार के लिए निकले तो उसके चंद मिनट बाद शाम 5 बजे एसडीएम अचानक कार्यालय पहुंच गए। इस पूरे मामले को लेकर नगर में आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोगों ने बुधवार को प्रशासन के इस रवैये के खिलाफ दिन भर बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है। प्रदेशभर के ब्लाॅक मुख्यालय पर सीएम राइज योजना के तहत एक-एक विद्यालय स्थापित किया जा रहा है। सेंवढ़ा ब्लाॅक मुख्यालय पर जगह का अभाव बताकर इसको हटा दिया गया। विद्यालय के माध्यम से प्रदेश सरकार नर्सरी से 12 वीं तक के बच्चों को निःशुल्क आधुनिक शिक्षा पद्धति से शिक्षण सुविधा उपलब्ध कराएगी। विद्यालय के तीन किमी के हिस्से से बच्चे अध्ययन करने आएं, इसके लिए वाहन सुविधा, 8 घंटे के शिक्षण कार्य के दौरान लंच सुविधा भी यहां मिलेगी। सेंवढ़ा से विद्यालय हटाने की खबर मिलने के बाद से पूरे नगर में आक्रोश का माहौल है।
अब तक तीन बार ज्ञापन दिए गए। सोमवार को पूरे दिन लोगों ने सेंवढ़ा में ही सीएम राइज स्कूल खोलने की मांग के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलावा। 92 मांग पत्रों पर 2 हजार से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए। मंगलवार की सुबह 11 बजे ही आंदोलनकारी तहसील परिसर पहुंच गए। लोगों ने मांग पत्र की बुकलेट एसडीएम को ही सौंपने की बात रखी।
कुछ देर बाद एसडीएम आए और प्रदर्शनकारियों से बगैर बात किए पहले ऑफिस के अंदर गए और बाद में आगजनी की घटना में जाने की कह कर तीनों तहसीलदारों के थरेट चले गए। इसके बाद पूरे दिन प्रदर्शनकारी जमा रहे। पर एसडीएम सहित कोई अधिकारी नहीं लौटा। सूत्रों की मानें तो आगजनी में कुछ समय रुकने के बाद ही वह रोको टोको अभियान की कार्रवाई के लिए थरेट सेंवढ़ा बाजार घूमते रहे। बाद में अपने आवास पर चले गए।
शाम 4 बजे प्रदर्शनकारियों से पूर्व विधायक प्रदीप अग्रवाल मिलने पहुंचे तो उन्होंने एसडीएम से चर्चा की, एसडीएम ने कहा कि कल एक ज्ञापन ले लिया था अब रोज रोज ज्ञापन लेने के लिए वह फ्री नहीं है। पूर्व विधायक ने कलेक्टर को फोन लगाया तो उन्होंने भी फोन रिसीव नहीं किया। चूंकि आंदोलन स्थल पर भाजपा, कांग्रेस के पदाधिकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता एकजुटता के साथ मौजूद थे, ऐसे में प्रशासन के इस बयान को सुनने के बाद लोगों में नाराजगी बढ़ गई।
जुलूस निकाला, नारेबाजी की, आज बंद रहेंगे बाजार
आक्रोशित लोगों ने शाम 5 बजे बाजार में प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सभी से बाजार बंद का आव्हान किया। बुधवार को नगर के सभी बाजार बंद रहेंगे। इसके साथ ही कुछ सामाजिक कार्यकर्ता अनिश्चतकालीन धरना भी प्रारंभ करेंगे।
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