मुरैना में पंचायत चुनाव के मद्देनजर कलेक्टर ने जिले के सभी शस्त्र लायसेंस अस्थाई रूप से निलंबित कर दिए हैं। इसके साथ ही उन्हें जमा कराने के लिए 13 दिसंबर तक का आदेश जारी कर दिया है। जो लोग जमा नहीं कराएंगे, उनके लायसेंस स्थाई रुप से निलंबित कर दिए जाएंगे।
चुनाव शांतिपूर्ण रुप से सम्पन्न कराने के लिए जिले के समस्त शस्त्र 13 दिसंबर तक संबंधित थानों में या डीलर के यहां जमा करा सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि जिले में आदर्श आचरण संहिता भी लागू हो गई है। निर्वाचन के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों के मध्य अधिकाधिक मत प्राप्त करने के मंतव्य से तनाव पैदा होने की संभावना को दृस्टगत रखते हुये जिले के समस्त शस्त्र लायसेंन्स निलंबित किए गए है।
यह बताया कारण
कलेक्टर ने बैठक में बताया कि मुरैना जिला अनुसूचित जाति बाहुल्य है। जिले में (सहरिया) अनुसूचित जनजाति जो एक प्रीमिटिव ट्राइव है की आबादी भी काफी है। जिले की सीमाएं निकटवर्ती राजस्थान राज्य के दो जिलों से और उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले से लगी हुई है। इन राज्यों के निकटवर्ती जिलों से कतिपय उम्मीदवारों के पक्ष में असामाजिक तत्व मुरैना जिले में प्रचार के लिए मतदान के दौरान आकर जिले के मतदाताओं को डरा धमका सकते है। स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए जन सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने तथा स्वतंत्र निष्पक्ष और शांतिपूर्वक चुनाव सम्पन्न कराए जाने के लिए यह आवश्यक हो गया है कि जिले के सभी शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों के शस्त्र लायसेंस निलंबित किए जाने तथा शस्त्र आम पंचायत निर्वाचन सम्पन्न होने तक जमा कराए जाएं।
डीलर के पास 4 दिसंबर से नहीं हो सकते जमा
उन्होंने कहा कि समस्त शस्त्रधारी अपने लाइसेंस पर दर्ज शस्त्र, (लाइसेंसी हथियार) संबंधित थानों में जमा कराना सुनिश्चित करे। शस्त्र डीलर के पास पूर्व से जमा शस्त्रों से सूची बनाकर संबंधित थाना एवं जिला कार्यालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य है। डीलर के पास 4 दिसम्बर 2021 से शस्त्र जमा नहीं हो सकतें। यह आदेश, लोक कर्तव्य में लगे पुलिस बल के अधिकारी कर्मचारी, आबकारी निरीक्षकों बैंक के सुरक्षा कर्मियों (गार्डों) एवं समस्त केन्द्र शासनध्राज्य शासन के अधिकारी जिन्हें जिला दण्डाधिकारी द्वारा विशेष अनुमति दी गई हो पर लागू नहीं होगा।
यह भी दिए आदेश
उन्होंने कहा कि समस्त अनुविभागीय दंडाधिकारी अपने क्षेत्र के आर्स डीलर की दुकानों के विक्रय-रजिस्टर, सेफ कस्टडी एवं मरम्मत रजिस्टर का भौतिक सत्यापन करें जिससे कि पिछले दिनांकों में शस्त्रों करतूसों का क्रय-विक्रय तथा मरम्मत या सेफ कस्टडी के नाम पर शस्त्र जमा न करा सकें। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। आदेश का पालन न करने पर शस्त्र अधिनियम 1959 के प्रावधानों के तहत शस्त्र अनुज्ञप्ति निलंबन निरस्त कर दी जाएगी, तथा शस्त्र धारक के विरूद्ध नियमानुसार निर्वाचन विधि दण्ड विधान के तहत कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
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