जिले में कोरोना संक्रमण अभी थमा नहीं है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने जिला प्रशासन पर कोरोना नियंत्रण को लेकर नाराजगी जाहिर की है। 24 घंटे पहले जिला क्राइसिस मैनेजमेँट की बैठक में खुद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अभी संक्रमण दर 6 प्रतिशत से अधिक है, ऐसे में हमें एहतियात की जरूरत है। भागवत-भंडारे व त्रयोदशी पूरी तरह बंद रहें और शादी-ब्याह में 20 से 50 लोग शामिल हो सकेंगे, वह भी अनुमति लेकर। लेकिन रविवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करह आश्रम पर आयोजित कार्यक्रम में 500 से अधिक कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाईं।
इतना ही नहीं पूर्व सीएम कमलनाथ के साथ मंच साझा करने वाले विधायक, पूर्व विधायक व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यह भी भूल गए कि कोरोना का संक्रमण अभी खत्म भी नहीं हुआ है। किसी ने मास्क तो लगाया लेकिन सिर्फ मुंह ढक रखा था तो कोई मास्क को सांकेतिक तौर पर टांगे दिखा। हालात ऐसे थे कि सेल्फी सहित खुद को पूर्व सीएम के नजदीक दिखाने के चक्कर में वरिष्ठ नेता भी एक ही साफा पर ठस-ठस कर इस कदर बैठे थे कि उन्हें कोरोना संक्रमण का बिल्कुल भी ख्याल नहीं आया। गंभीर बात यह है कि पूर्व सीएम की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे पुलिस व प्रशासनिक अफसर सिर्फ खानापूर्ति करते दिखे।
देश-प्रदेश में कोरोना की बात, खुद के प्रोग्राम में गाइड लाइन भूले नेता
कांग्रेस के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। लेकिन करह आश्रम पर आयोजित कार्यकम में मौजूद भीड़ में कोरोना नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, यह बात खुद कमलनाथ भूल गए। इतना ही नहीं उनके ही मंच पर उनके ईद-गिर्द महज 10 फीट लंबे साफा पर 15 से अधिक नेता बैठे और रनके पीछे भी भीड़ मौजूद रही। इतना ही नहीं करह आश्रम पर दर्शन के दौरान अनेक युवा बिना मास्क लगाए उनके साथ सेल्फी लेते हुए नजर आए।
हर गांव में सर्दी-जुकाम बुखार के मरीज, आप टेस्टिंग कराइए: सिकरवार
इधर जौरा कसबे में क्राइसिस कमेटी की बैठक में कलेक्टर बी. कार्तिकेयन तथा नवागत एसपी की मौजूदगी में कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष भानुप्रताप सिकरवार चिंटू ने कहा कि साहब आज हालात यह हे कि जौरा विकासखंड के गांव-गांव में सर्दी-जुकाम व बुखार के मरीज हैं, आप सैंपलिंग तो कराईए। पहाड़गढ़ क्षेत्र के आदिवासी बहुल गांव में लोगों के पास एंडॉयल मोबाइल फोन नहीं हैं, वैक्सीनेशन सेंटर भी 8 से 10 किमी दूर हैं। ऐसे में गांवों में स्पेशल कैंप लगाकर लोगों को बैक्सीन लगवा देंगे तो हम तीसरी लहर से लड़ने के लिए तैयार तो हो जाएंगे।
साहब! हमारे सुमावली में करीब 700 मौतें हो चुकी हैं, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर भी नहीं
करह आश्रम पर सुमावली क्षेत्र से आए कांग्रेस नेता रामकुमार पाराशर ने पूर्व सीएम कमलनाथ को ज्ञापन सौंपकर बताया कि हमारे सुमावली क्षेत्र में करीब 700 उसे अधिक लोग मर चुके हैं लेकिन उनकी मौत कैसे हुई, यह किसी को नहीं पता। लेकिन हर गांव में सर्दी-जुकाम, बुखार के मरीज हैं। हालत यह है कि 4 स्वास्थ्य केंद्र हैं सुमावली, देवगढ़, बागचीनी, गलेथा में बेड की व्यवस्था नहीं है और मरीज को लाने ले-जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं है साथ ही एक भी जगह वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं हैं। ऐसे में लोगों को इलाज के लिए मुरैना जाना पड़ रहा है।
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