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सरकार जो योजनाएं बनाती है, उसे आमजन तक पहुंचाने में उसके ही विभाग के अधिकारी-कर्मचारी रुचि नहीं ले रहे। यह हम नहीं कहते बल्कि सरकारी योजनाओं का रिकॉर्ड बोल रहा है। पिछले 15 से 20 दिन में कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने सीएम हेल्पलाइन, पथकर योजना, स्ट्रीट वेंडर योजना सहित अन्य विभागीय योजनाओं की जब समीक्षा की तो निकलकर सामने आया कि अधिकांश योजनाओं में 50 प्रतिशत लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पा रहा। उन्होंने 20 दिन में तकरीबन 100 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों को नोटिस दिए, वेतन काटकर काम की चेतावनी दी लेकिन प्रोग्रेस अभी भी धीमी हैं।
दर्द...जिनकी प्रोग्रेस 40% उन्हें भी दंड, जिनकी 75% से अधिक, उन्हें भी सजा: हालांकि कई विभाग ऐसे हैं, जिनके काम की परफॉरमेंस अन्य विभागों की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है। जैसे फूड विभाग को 32 हजार 311 नई पात्रता पर्ची बांटने का लक्ष्य दिया गया था। इसके मुकाबले अभी तक 31 हजार 186 पर्चियां बंट चुकी हैं। वहीं 1125 पात्रता पर्चियां स्थानीय निकायों जैसे नगरपालिका, नगर पंचायत व जनपदों को बांटना है। 80 प्रतिशत से अधिक परफॉरमेंस के बाद भी फूड विभाग के जेएसओ का वेतन रोकने की कार्रवाई कर दी गई।
2 दिन शेष, 4 हजार किसानों का पंजीयन अभी भी बांकी
जिलेभर में 25 हजार से अधिक गेहूं-सरसों, चना का उत्पादन करने वाले किसानों का पंजीयन 25 जनवरी से शुरू हुआ और इसकी अंतिम तिथि 20 फरवरी है। गेहूं खरीदी पंजीयन की स्थिति तब बिगड़ गई जब कमीशन बढ़ाने व अन्य मांगों को लेकर सोसाइटी संचालक व कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।
शुरुआत के 15 दिन यानि 10 फरवरी तक जिलेभर में सिर्फ 8 हजार किसानों का ही पंजीयन हो सका। 17 फरवरी तक लगभग 22 हजार किसान ही पंजीयन करा सके हैं। और अब सिर्फ 4 दिन शेष हैं। सर्वर डाउन होने के कारण गुरुवार को अपडेट जानकारी नहीं मिल सकी है। यहां बता दें कि पिछले साल गेंहू खरीदी के लिए 19 हजार किसानों का पंजीयन हुआ था, वहीं सरसों बेचने के लिए 20 किसानों ने पंजीयन कराया था।
इन 3 उदाहरण से जानिए सरकारी योजनाओं की स्थिति
1. वैक्सीनेशन: जिलेभर में 7450 लोगों को दूसरे चरण में कोविड-19 रोधी वैक्सीन लगाई जानी थी। लेकिन अभी तक 64 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकी हे। इसमें सबसे पुअर स्थिति राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की है। इस विभाग के 49 प्रतिशत कर्मचारियों को ही वैक्सीन लगाई जा सकी है। जबकि नगर निगम में 50 प्रतिशत, ग्रामीण विकास में 73 प्रतिशत व पुलिस विभाग में 82 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन लगवाई है। बच्चों के टीकाकरण में भी कैलारस, पहाड़गढ़ तथा मुरैना में 79 से 85 प्रतिशत लक्ष्य हासिल हुआ है।
2. बायोगैस प्लांट: जिले में 90 बायोगैस प्लांट बनाए थे। इनमें से 40 ही बन सकें हैं। समीक्षा बैठक में जब कलेक्टर ने फटकार लगाई तो कृषि विभाग के सहायक संचालक वीडी नरवरिया ने 30 प्लांट इसी सप्ताह बनाने का आश्वासन दिया। देखना यह है कि अगले हफ्ते तक यह काम पूरा हो सकेगा या नहीं।
3. उद्यानिकी विभाग: फल उद्यान नरेगा के तहत 24 प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की गई लेकिन इनमें से अभी तक सिर्फ 18 स्वीकृत हो सकीं और काम भी सिर्फ 5 का शुरू हो सका। इससे जाहिर है कि पीएम-सीएम की सरकारी योजनाएं कागजों में तो बड़ी-बड़ी दिखाई देती हैं लेकिन धरातल पर 10 प्रतिशत लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाता।
पॉजिटिव- आज आप बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से अपने काम संपन्न करने में सक्षम रहेंगे। सभी का सहयोग रहेगा। सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी। घर के बड़े बुजुर्गों का मार्गदर्शन आपके लिए सुकून दायक रहेगा। न...
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