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नए बजट में ग्वालियर-श्योपुर ब्रॉडगेज रेल प्रोजेक्ट के लिए 25 करोड़ दिए जाने के पहलू ने 2021-22 में नए ट्रैक के निर्माण से लेकर पुल-पुलिया बनाने की तैयारियों पर संकट खड़ा कर दिया है। केन्द्र ने जल्द ही और बजट देने की घोषणा नहीं की तो रेलवे विकास निगम पुणे व झांसी की निर्माण एजेंसियों से काम बंद करने के लिए कह सकता है।
बानमाेर से लेकर जौरा तक ब्रॉडगेज रेल प्रोजेक्ट के लिए निजी जमीन उपलब्ध होने के बाद पुणे व झांसी की निर्माण एजेंसियों ने क्रमश: सिकरौदा व बामौर में अपने वर्कशॉप स्थापित कर लिए हैं। फरवरी में केन्द्र सरकार ने बजट में ग्वालियर-श्योपुर ब्रॉडगेज रेल प्रोजेक्ट के लिए जैसे ही 25 करोड़ रुपए देने की घोषणा की वैसे ही रेलवे के अफसरों की नींद उड़ गई है।
कारण है कि रायरू से लेकर सबलगढ़ तक बड़ी लाइन बिछाने के लिए रेलवे को जहां 2021-22 में 1000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद थी वहां इस प्रोजेक्ट के लिए बहुत कम पैसा मंजूर किया गया है। 25 करोड़ में बानमोर से सबलगढ़ तक मिट्टी का ट्रैक बनाने से लेकर उस पर बड़ी लाइन बिछाने, पुल-पुलियों का निर्माण करने व रेलवे स्टेशन निर्माण का काम कैसे कराया जा सकेगा।
बजट संकट के दौर में रेलवे के अफसरों ने मन बना लिया है कि पुणे व झांसी की निर्माण एजेंसियों से अगले साल तक बजट का इंतजार करने के लिए कहा जाए या एक साल तक काम बंद करने के निर्देश दिए जाएं।
ब्रॉडगेज रेल प्रोजेक्ट में जानिए...किस टेंडर में क्या काम कराया जाना तय
ब्रॉडगेज रेल प्रोजेक्ट के लिए रेलवे ने 249 करोड़ रुपए के टेंडर खोल दिया है। इस टेंडर पर काम करने वाले ठेकेदार को सुमावली से लेकर सबलगढ़ तक 50 छोटे पुलों का निर्माण करने के साथ ही 51 किमी लंबाई में मिट्टी का कच्चा ट्रैक बनाकर तैयार करना होगा जिस पर बड़ी लाइन बिछाने का काम शुरू होगा।
रेलवे ने 184 करोड़ का दूसरा टेंडर भी ओपन कर लिया है। इसमें बिरला नगर से सबलगढ़ तक 10 बड़े पुलों का निर्माण कराया जाना है। ब्रॉडगेज लाइन के लिए रेलवे बानमोर से सुमावली के बीच घोड़ा पछाड़ नदी पर, जौरा से कैलारस के बीच सोन नदी पर, कैलारस से सबलगढ़ के बीच क्वारी नदी व वीरपुर से श्योपुर के बीच सीप नदी पर चार बड़े पुलों का निर्माण कराएगी।
तेजी से काम करने निर्माण एजेसियों ने बनाए वर्कशॉप
बड़ी रेल लाइन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के लिए पुणे की निर्माण एजेंसी ने सिकरौदा स्टेशन के पास अपना वर्कशॉप स्थापित किया है। इसी प्रकार झांसी की निर्माण एजेंसी धनाराम एंड कंपनी 2020 में ही बामौर में अपना वर्कशॉप शुरू कर चुकी है। दोनों वर्कशॉप में प्रोजेक्ट के काम के अनुरूप एसेट लगाए जा चुके हैं। मशीनरी बाहर से मंगाने व साइट पर लगाने की प्रक्रिया भी चल रही है लेकिन जब ठेकेदारों को काम के लिए पैसा ही उपलब्ध नहीं होगा तो निर्माण एजेसियां काम कैसे करेंगी।
प्रोजेक्ट के लिए 600 करोड़ के टेंडर खुल चुके हैं
ब्राॅडगेज रेल प्रोजेक्ट के लिए रेलवे अभी तक 600 करोड़ रुपए के टेंडर जारी कर चुका है। 400 से 500 करोड़ रुपए के टेंडर पाइप लाइन में है। इस प्रकार 2021-22 में 1000 करोड़ रुपए के निर्माण कार्य नजर आते। इसके लिए बजट में कम से कम 400 करोड़ रुपए तो मिलने चाहिए थे लेकिन ग्वालियर-श्योपुर ब्राॅडगेज रेल प्रोजेक्ट की उपेक्षा के चलते केन्द्र ने बजट की बड़ी कटौती की है। इसका असर फिलहाल प्रोजेक्ट बंद होने के रूप में नजर आ सकता है।
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