6 साल पहले जिले की पांच ग्राम पंचायत को शहरी सीमा में शामिल किया गया था। आज, भी इन वार्ड में गांव जैसे हालात हैं। शहर जैसी वहां कोई सुविधा नहीं है। इन्हीं में शामिल सुआलाल का पुरा में यह हालत है कि सड़क इतनी खराब है कि उस पर चलना मुश्किल है। आज, भी इन वार्ड के लोग साफ सफाई, सड़क व पेय जल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए परेशान हैं।
सबसे बुरा हाल नगर निगम के वार्ड 44के तहत आने वाले सुआलाल का पुरा का है। यहां, आज भी शहर जैसी कोई सुविधा नहीं है। पूरी तरह गांव लगती है, यह बस्ती। बस्ती की मुख्य सड़क जो इसको हाईवे से जोड़ती है, उस सड़क पर डामर या सीमेंट तक नहीं हैं। पूरी तरह कच्ची सड़क है। इन दिनों बारिश के सीजन में उस पर से गुजरना किसी मुसीबत से निकलने जैसा है। पूरी सड़क पर पानी भरा है। कच्ची होने के कारण मिट्टी की वजह से फिसलन व कीचड़ है।
6 साल में सड़क तक नहीं बनवा सका नगर निगम
नगर निगम इन नए वार्ड में पिछले 6 साल में पक्की सड़कें तक नहीं बनवा सका है। सुआलाल का पुरा बस्ती में गंदे पानी की निकासी नहीं है। यहां नाले-नाली नहीं हैं। स्कूल परिसर के मैदान के बीच में ही गंदा पानी का निकास बना दिया है। यह गंदा पानी आस-पास बने घरों का है। गंदा पानी के कारण स्कूल के बच्चे यहां खेल नहीं पाते हैंं। इस बात की शिकायत स्कूल प्राचार्य ने कई बार निगम प्रशासन से की लेकिन कोई हल नहीं निकला।
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