• Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Morena
  • Workers Are Being Killed By Making Machines Work, Laborers Had To Be Given Work In MNREGA Scheme, Matter Of Bamsoli Panchayat

गरीबों के हक पर डाका:मशीनों से काम कराकर मजदूरों का मार रहे हक, मनरेगा योजना में मजदूरों को देना था काम, बामसोली पंचायत का मामला

मुरैना2 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक
जेसीबी से कराया जा रहा मजदूरों - Dainik Bhaskar
जेसीबी से कराया जा रहा मजदूरों
  • काम नहीं देने पर ग्रामीणों में रोष

गांव के गरीब ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए सरकार ने मनरेगा योजना चलाई है। इसके पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की बेरोजगारी का कम करना है, लेकिन कुछ पंचायतों में इनके हक पर डाका डाला जा रहा है। ऐसा ही वाकया सबलगढ़ कस्बे के बामसोली पंचायत में हुआ है। यहां पंचायत के कर्ता-धर्ता लोगों ने गांव के काम को मजदूरों से न कराकर जेसीबी मशीन से कराया है। जिससे गांव के मजदूरों में रोष व्याप्त है।

ग्रामीणों का मानना है कि पंचायत ने उनके हक पर डाका डाला है। बामसोली में लगभग 15 लाख रुपए की लागत से अर्थ बंड का काम कराया जा रहा है, लेकिन इसमें किसी भी मजदूर को काम नहीं दिया जा रहा है। यह काम मनरेगा योजना के तहत हो रहा है तथा यहां मनरेगा का बोर्ड भी लगा है, लेकिन उसके बावजूद मजदूरों से काम न कराकर जेसीबी से कराया जा रहा है।

बामसोली पंचायत के अधीन हीरामन गांव के पास यह काम कराया जा रहा है। यह काम मनरेगा योजना के तहत कराया जा रहा है। काम की लागत 14 लाख, 90 हजार, 404 रुपए बताई जाती है। नियमानुसार इस काम को पंचायत के अधीन आने वाले गावों के ग्रामीणों से कराया जाना चाहिए, जिससे उन्हें रोजगार मिल सके। योजना के नियम के अनुसार लागत का 60 प्रतिशत हिस्सा मजदूरी का और 40 प्रतिशत हिस्सा मटेरियल के लिए दिया जाता है। पंचायत के कर्ता-धर्ता इसमें मनमानी कर रहे हैं। यह लोग अर्थ बंड या तालाब की पार के निर्माण का काम जेसीबी से करा रहे हैं तथा किसी भी मजदूर को काम नहीं दे रहे हैं।

काम की जगह लगा मनरेगा योजना का बोर्ड
काम की जगह लगा मनरेगा योजना का बोर्ड

कागजों में पूरी होती योजना
लोगों ने बताया कि बामसोली पंचायत के जिम्मेदार लोग इस काम को जेसीबी मशीनों से करा लेंगे। उसके बाद कागजों में इसे मजदूरों से कराया जाना दिखा देंगे। जबकि मनरेेगा योजना का मुख्य उद्देश्य ही गांव के मजदूरों को काम देना है। लोगों ने बताया कि मजदूरों के मस्टर पंचायत के लोग कागजों में भर लेेते हैं और उनके नाम से पैसा निकाल लेते हैं।
अन्य जगह पर काम तलाश रहे मजदूर
मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार के कारण गांव के मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल पाती है। इसकी वजह से गांव के मजदूर अन्य जगह पर जाकर काम की तलाश करते हैं। पंचायत के जिम्मेदार की इस मनमानी से सरकार की इस जन हितैषी योजना को पलीता लग रहा है।

खबरें और भी हैं...