ग्वालियर में कोर्ट ने एक नाबालिग को शादी का झांसा देकर दोस्तों के साथ मिलकर उससे दुष्कर्म करने और प्रताड़ित करने वाले तीन आरोपियों में से दो को 20-20 साल की सजा सुनाई है, जबकि नाबालिग को प्यार के जाल में फंसाकर ग्वालियर बुलाने वाले आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध सामान्य अपराध न होकर समस्त समाज को प्रभावित करते हैं। ऐसे में दंड का निर्धारण करते समय पीड़िता के हित एवं समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को भी देखा जाना चाहिए। इसलिए इनको कड़ी सजा मिलना चाहिए। घटना वर्ष 2014 की है। आरोपियों को 7 साल बाद सजा मिली है।
विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम आरती शर्मा ने सभी आरोपियों के खिलाफ अपराध को प्रमाणित पाते हुए कहा कि आरोपियों को माफ नहीं किया जा सकता लिहाजा यह सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने यह भी कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध सामान्य अपराध न होकर समस्त समाज को प्रभावित करते है, इसलिए न्यायालय का कर्तव्य है कि दंड का निर्धारण करते समय अभियुक्त के अधिकारों सहित पीड़ित के हित एवं समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को भी देखा जाए। न्यायालय ने आरोपी चंदू उर्फ चंद्रभान उर्फ आदित्य सिंह भदौरिया को धारा 366 IPC में 5 वर्ष सश्रम कारावास एवं धारा 376 IPC में 7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही 2000 रूपये का जुर्माना लगाया गया है। आरोपी शिवा उर्फ शिवनंदन सिंह भदौरिया,आरोपी मनीष सिंह सोलंकी निवासी चरखा गांव भितरवार को गैंगरेप की धारा 376डी में दोषी पाते हुये 20-20 साल के सश्रम कारावास व 2-2 हजार रुपए का दंड दिया गया है।
यह है पूरा मामला
- विशेष लोक अभियोजक अनिल मिश्रा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिग पीड़िता गांव में अपने माता पिता के साथ रहकर किसानी का कार्य करती थी। FIR से करीब 5 माह पहले उसकी पहचान आरोपी चंदू से हुई थी। चंदू उर्फ चन्द्रभान उर्फ आदित्य सिंह भदौरिया भी वहीं काम करता था। काम के सिलसिले में वह नाबालिग के गांव आता जाता रहता था। इसके बाद चंदू की फोन पर नाबालिग से बात होने लगी। 23 जनवरी 2014 को किशोरी अपने गांव से निकल कर सदन एक्सप्रेस में बैठकर चंदू से मिलने ग्वालियर आई थी। रात 11 बजे ट्रेन ग्वालियर पहुंची तो आरोपी चंदू अपने दोस्त सहआरोपी सोनू के साथ ग्वालियर रेल्वे स्टेशन पर उसे लेने आया। यहां से चंदू और सोनू ऑटो से महलगांव सोनू के रूम पर पहुंचे। चंदू ने उसी रात किशोरी के साथ जबरन दुष्कर्म किया। अगले दिन अभी आ रहा हूं कह कर चला गया। इसके बाद वह वापस नहीं आया।
मैदान में खड़ी खाली बस में दोस्तों ने किया गैंगरेप
दो दिन तक चंदू ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया था 25 जनवरी 2014 की शाम को चंदू ने फोन कर कहा कि शिवा ओर मनीष सोनू के कमरे पर आ रहे है। वे तुम्हे स्टेशन पर छोड देंगे। अभी तुम गांव आमला चली जाना में 8 दिन बाद तुमसे मिलने आउंगा और तुमसे शादी कर लूंगा। थोडी देर बाद शिवा और मनीष आए। रात करीब 8 बजे नाबालिग को लेकर मनीष व शिवा पैदल ही स्टेशन के लिए चल दिए। थोडी दूर पैदल चलने के बाद किशोरी से कहा कि अभी पैसे नहीं है, थोडी देर मे पैसे आ जाएंगे तो तुझे टिकट दिलाकर स्टेशन छोड देंगे। जब तक उसे मैदान में खड़ी एक खाली बस में ले गए। यहां दोनों ने बारी-बारी से उसके साथ गैंगरेप किया। उसने शोर मचाने का प्रयास किया तो उसे लात घूसों से मारा। इसके बाद पूरी रात वहीं रखा और अगले दिन सुबह स्टेशन पर छोड़कर भाग गए। पीड़िता अपने घर पहुंची और मामले की जानकारी पिता को दी और फिर पुलिस के पास पहुंची।
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