प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही महापौर और शहर के 66 वार्डो पर दावेदारी के लिए नेता तैयार हो गए हैं। काफी समय बाद हो रहे नगरीयि निकाय चुनाव इस बार काफी रोचक होने जा रहे हैं। OBC आरक्षण के बाद कई सीटों पर समीकरण बदल गए हैं। पर असली फैसला तो शहर की 10 लाख 68 हजार 267 मतदाताओं के हाथ में है। यही 66 वार्ड के पार्षद व शहर के मेयर का चुनाव करेंगे। महापौर के भाग्य का फैसला कुल वोटर्स में से 5 लाख 2 हजार 674 महिला मतदाता के हाथ में रहेगा, क्योंकि महापौर की सीट सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है। ग्वालियर नगर निगम में पुरूष और महिला मतदाताओं का अनुपात 888.8 है।
पुरुष के बराबर महिला मतदाता
नगर निगम ग्वालियर सहित जिले के सभी नगरीय निकायों को मिलाकर कुल 12 लाख 34 हजार 832 मतदाता हैं, इनमें 6 लाख 52 हजार 640 पुरूष और 5 लाख 82 हजार 81 महिला मतदाता हैं। नगरीय निकायों में महिला मतदाताओं की संख्या लगभग पुरुष मतदाताओं के बराबर है। ऐसे में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ज्यादातर महिलाओं के हाथ में रहेगा।
नगर पालिका डबरा में पुरुष मतदाता करेंगे फैसला
नगर पालिका डबरा में कुल 30 वार्ड हैं। यहाँ के कुल मतदाताओं की संख्या एक लाख 6 हजार 687 है। जिनमें 55 हजार 987 पुरूष व 50 हजार 689 महिला मतदाता हैं। यहां महिलाआंे से ज्यादा पुरुष मतदाता हैं। नगर पंचायत पिछोर में 15 वार्ड और कुल 10 हजार 539 मतदाता हैं। इनमें 5 हजार 327 पुरूष व 5 हजार 210 महिला मतदाता शामिल हैं।
चुनावी गणित जमाने लगे नेता
- नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही वार्ड स्तर से लेकर महापौर के लिए नेता अपने-अपने गणित बैठाने लगे हैं। नेता अब सीधे जनसेवा की बात कर रहे हैं। कुछ लोग तो पार्टी का भी इंतजार नहीं कर रहे हैं और सीधे मैदान में उतर गए हैं। वह अभी से ही जनता के बीच पहुंचकर उनके मुद्दे सुलझाने से लेकर हर सुख-दुख में होने की बात कर रही हैं।
आरक्षण से बदला समीकरण
OBC आरक्षण के बाद शहर के 66 वार्ड में कई वार्ड की स्थिति व समीकरण बदल गए हैं। पिछले आरक्षण में OBC को 17 वार्ड मिले थे। पर इस बार संशोधन के साथ आरक्षण में 20 वार्ड मिले हैं। तीन वार्ड बड़ गए हैं। कई वार्ड पहले OBC थे अब सामान्य और कई सामान्य वार्ड अब OBC हो गए हैं। इसको लेकर भी नेताओं को नए समीकरण बनाने पड़ रहे हंै।
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