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हम परिवर्तन को सहजता से स्वीकार नहीं करते जैसा चल रहा है वो वैसा का वैसा चलते रहना चाहिए। ये प्रवृत्ति राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में बाधा है। यह बात भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उमाशंकर पचौरी ने कही।
वे माधव शिक्षा महाविद्यालय में भारतीय शिक्षण मण्डल, नीति आयोग एवं माधव शिक्षा महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन, चुनौतियां एवं संभावनााएं’ विषय पर आयोजित वेबिनार में मुख्यवक्ता के रूप में बोल रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. शिवकुमार शर्मा ने की। कार्यक्रम का प्रारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. विवेक भदौरिया ने मां सरस्वती का पूजन और माल्यार्पण कर किया। सरस्वती वंदना आकाशवाणी ग्वालियर केन्द्र की ए ग्रेड कलाकार साधना गोरे ने प्रस्तुत की। डॉ. पचौरी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देव मानवों का निर्माण करने के लिए है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों में मानवीय मूल्यों का एवं राष्ट्रीयता का विकास होगा। डॉ. शिवकुमार शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल मंत्र शिक्षा में भारतीयता लाना है और समाज मे शिक्षकों की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करना है। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका डॉ. मनीषा पाठक ने व आभार प्रदर्शन डॉ. राजकरण सिंह ने किया।
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