बच्चों..आपके मम्मी-पापा के गुजर जाने का हमें बहुत दुख है और उनका गम हम भी दूर नहीं कर सकते हैं, लेकिन इतना भरोसा दिलाता हूं कि जब तक आप बड़े नहीं हो जाते हो तब तक आपकी परवरिश, शिक्षा और रोटी की जिम्मेदारी हमारी है। यह बात सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्वालियर के उन बच्चों से कही, जिन्होंने हाल ही में अपने माता पिता को कोविड, अन्य बीमारियों और दुर्घटना की वजह से खो दिया है।
सीएम ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना का शुभारंभ किया। ग्वालियर के 21 बाल हितग्राही इस योजना के लिए चयनित हुए हैं। इनमें से 15 बच्चे 18 वर्ष से कम आयु के हैं जो अपने माता पिता को खो चुके हैं। अब मध्य प्रदेश सरकार इस योजना के जरिए इन बच्चों को हर महीने 5000 रुपए पेंशन, स्पॉन्सरशिप योजना में हर महीने 2000 रुपए अतिरिक्त, राशन, शिक्षा, उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध कराएगी। एक परिवार में अगर दो बच्चे है तो दोनों को बराबर से उक्त समस्त सुविधाएं मिलेंगी।
सीएम ने हजीरा और पुरानी छावनी के बच्चों से की बात
हजीरा के रहने वाले परिवार में दो नाबालिग भाई बहन है। इनके पिता 1 साल पहले कैंसर की वजह से खत्म हो गए थे और हाल ही में मां का देहांत कोविड के कारण हुआ है। मां चाय का ठेला लगाती थी और पिता ट्रेन में चाय वेंडर थे। सीएम ने इन बच्चों से बात की और इनसे अब तक हुआ पूरा घटनाक्रम पूछा और फिर कहा कि खुद को अनाथ मत समझना। मैं अभिभावक के तौर पर आपके साथ खड़ा हूं और आपकी हर जरूरत पूरी करने की जिम्मेदारी अब सरकार की है। घबराना नहीं, तुम लोगों की परवरिश में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
पुरानी छावनी में किराए के घर में रहने वाले चार बहनों के परिवार से मुख्यमंत्री ने बात की। इस परिवार में 19 वर्ष की एक युवती और शेष तीन बहने नाबालिग है। इनके भी पिता डेढ़ साल पहले एक हादसे में गुजर गए और अब इनकी मां जो भवन निर्माण मजदूर थी उनकी भी मौत कोविड की वजह से हो गई। सीएम ने इन बच्चियों से कहा, बेटियों आपके माता-पिता नहीं है तो यह मत समझना कि अब आप अकेली हो गई हो। अभी आपका मामा मौजूद है।
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