ग्वालियर में JC Mill के श्रमिक जिस आवास मे वर्षों से रह रहे हैं, उस मकान से उनके बुजुर्गों व बच्चों की यादें जुडी हुई हैं, अब वह बिना किसी भय व चिंता के उसी आवास में अपने परिजन के साथ रहें, इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा सभी श्रमिकों को उसी आवास का मालिकाना हक दिया जा रहा है, जिसमें वह रह रहे हैं। यह बात प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कम्युनिटी हॉल कांचमील में JC Mill के श्रमिकों को आवास के आवेदन देने के लिए लगाए गए शिविर में व्यक्त किए।
JC Mill के श्रमिकों को आवास का मालिकाना हक के आवेदन देने के लिए लगाए गए शिविर में मंडल अध्यक्ष बृजमोहन शर्मा, ओमप्रकाश शेखावत, धारा सिंह, जगराम कुशवाह, संतोष भारती, मायाराम तोमर, सुरेन्द्र चौहान, राजेन्द्र शर्मा, दिनेश सिकरवार, शीतल अग्रवाल सहित क्षेत्रीय गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
उपनगर ग्वालियर के कांच मिल कम्युनिटी हॉल में आयोजित शिविर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने JC Mill के श्रमिकों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने श्रमिकों को आवास का मालिकाना हक देने के लिए आवेदन बांटे। ऊर्जा मंत्री ने इस मौके कहा कि हमारी सरकार ने जो वादा किया था वो पूरा होने जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये बड़ी सौगात JC Mill के श्रमिकों को दी है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर , सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का आभार जताया। उन्होंने कहा कि JC Mill के मकानों में रह रहे श्रमिकों को सरकार पट्टे दे रही हैं। अभी हम आवेदन पत्र दे रहे हैं इन्हें भरने के लिए समय दिया जाएगा और कोई परेशानी होगी तो प्रशासन के अधिकारी मदद करेंगे फिर न्यूनतम राशि जमाकर मालिकाना हक़ दिया जायेगा।
JC Mill का इतिहास
गौरतलब है कि 1921 में स्थापित जयाजी रॉव कॉटन मिल (JC Mill) भारत की शान हुआ करती थी। इसमें बना कपडा विदेशों तक निर्यात होता था। मिल में 8 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते थे। मिल प्रबंधन ने बिरलानगर क्षेत्र में श्रमिकों और अधिकारियों को रहने के लिए आवास दिए थे। मिल के पास 700 बीघा जमीन थी लेकिन 1992 में मिल बंद हो गई उसके बाद श्रमिकों को वेतन, भत्ते सहित अन्य आपूर्तियों के लिए संघर्ष करना पड़ा। श्रमिकों को उनके आवास चले जाने का भी खतरा था।
711 परिवारों के चेहरे पर लौटी खुशी
लम्बी क़ानूनी प्रक्रिया के बाद तीन साल पहले JC Mill की 700 बीघा जमीन सरकारी घोषित हो गई और अब दशकों के संघर्ष के बाद श्रमिकों के चेहरे पर ख़ुशी की लहर आई है। बताया जा रहा है कि JC Mill के आवासों लाइन नंबर 1, 2, 8, अ(3) सिमको लाइन, असिस्टेंट लाइन, न्यू असिस्टेंट लाइन में रह रहे 711 परिवारों को मालिकाना हक़ पट्टे दिए जाएंगे। ऊर्जा मंत्री ने एक और घोषणा करते हुए कहा कि तानसेन रोड पर बरसों से सड़क पर रह रहे लोहा पीटा समाज के 28 परिवारों को भी इसी सप्ताह पट्टे दिए जायेंगे। कार्यक्रम की खास बात ये रही कि ऊर्जा मंत्री ने अपनी आदत के मुताबिक एक बुजुर्ग श्रमिक के पैरों में झुककर आशीर्वाद लिया
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