कोरोना संक्रमण के कारण राज्य सरकार के सभी दफ्तर इन दिनों सप्ताह में पांच दिन खुल रहे हैं। इसके बाद भी अधिकारी-कर्मचारी सुबह 10 बजे दफ्तर नहीं पहुंच रहे हैं। बुधवार को कलेक्टर ने जब अपने ही दफ्तर की सुबह 10.30 बजे टेलीफोन पर औचक जांच की तो उन्हें यह गड़बड़ी पकड़ में आई।
इसके बाद कर्मचारियों को उपस्थिति पत्रक देखे गए तो 11 कर्मचारी गैर हाजिर मिले। कार्यालय अधीक्षक आईआर भगत ने बताया कि कलेक्टर का निर्देश मिलने के बाद सुबह 10.50 मिनट पर क्लर्कों के हाजिरी रजिस्टर को देखा गया तो उसमें पांच के हस्ताक्षर नहीं थे।
इनमें से तीन बाद में छुट्टी पर बताए गए। ऐसे ही जब चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के हाजिरी रजिस्टर की 10.55 मिनट पर जांच की गई तो 6 कर्मचारियों के हस्ताक्षर नहीं मिले। इन सभी के नाम के आगे क्रास लगा दिया गया है। भगत ने कहा कि दफ्तर आने का समय इन दिनोंं सुबह 10 बजे तय है। उन्होंने कहा कि अब रोज इसी तरह जांच की जाएगी। इसके बाद नोटिस जारी होंगे। बुधवार को सारे अधिकारी प्रभारी मंत्री के दौरे के कारण वीआईपी ड्यूटी में थे।
दूसरे दफ्तरोंं का तो और भी बुरा हाल-राज्य सरकार के शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य, मत्स्य, कृषि, पीएचई व मोतीमहल में संचालित कुछ दफ्तर तो ऐसे हैं, जिनमें दोपहर 12 बजे तक स्टाफ पहुंचता है। इनमें से कुछ दफ्तरोंं में सात महीने पहले राजस्व अफसरों ने जांच की थी। इसके बाद जांच बंद है।
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