चंबल में अब पिस्टल, कट्टे के बाद हथगोलों का भी उपयोग होने लगा है। आधी रात इंजीनियर के नए बने घर को उड़ाने के लिए हथगोले फेंके गए थे। किस्मत से एक भी हथगोला फटा नहीं है, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। सुबह जब इंजीनियर का परिवार छत पर पहुंचा, तो हथगोले देख दंग रह गए। मामले की सूचना पुलिस को दी गई है। पुलिस मौके पर पहुंची। तत्काल BDS (बम डिस्पोजल स्क्वॉड) को कॉल कर दिया गया।
BDS की टीम मौके पर पहुंची। छत पर पड़े दा हथगोलों को डिफ्यूज किया। इसके बाद उन्हें जब्त कर थाने ले जाया गया। घटना गिरवाई की बाबा पहाड़ी की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
यह है मामला
गिरवाई स्थित बाबा की पहाड़ी के रहने वाले मनोज पुत्र जसराम कुशवाह इंजीनियर हैं। वह ई कॉम एक्सप्रेस लिमिटेड कंपनी में आईटी हेड हैं। गिरवाई बाबा की पहाड़ी पर उनका नया घर बना है। वह सामने ही स्थित मकान में किराए से रहते हैं। मनोज गुरुवार सुबह नए घर की छत पर सफाई के लिए गया, तो देखा कि वहां हथगोला पड़ा था। हथगोले देखते ही उनके होश उड़ गए। शोर मचाया तो आस-पास के लोग भी पहुंच गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जांच के बाद BDS टीम को बुलवा लिया। मौके पर पहुंची BDS की टीम ने हथगोलों को निगरानी में लेकर डिफ्यूज किया। पुलिस ने डिफ्यूज हथगोले अपनी निगरानी में लेकर जांच शुरू कर दी है।
यह थी क्षमता
ब्लास्ट होता, तो पूरा मकान उड़ जाता। दोनों ही बम आठ-आठ सौ ग्राम के थे। बमों को बनाने मेेंं माइनस वायर और एक्सप्लोजिव, डेटोनेटर, सेफ्टी फ्यूज लगा था। अगर दोनों बम फटते तो आस-पास के मकान को भी क्षति पहुंच सकती थी। किस्मत रही कि यह हथगोले फटे नहीं। वरना उस मकान के साथ आसपास के मकान को भी क्षति पहुंच सकती थी।
नहीं है किसी से दुश्मनी
पीड़ित मनोज कुशवाह ने बताया कि उसकी किसी से दुश्मनी नहीं है। ये किसी की साजिश है। पुलिस से मांग की है कि गंभीरता से वह इस मामले की जांच करे। हथगोले मिलने का पता चलते ही आस-पास रहने वाले लोग दहशत में आ गए।
पुलिस का कहना
मामले में गिरवाई थाना प्रभारी रघुवीर मीणा ने कहा है कि दो हथगोले मिले हैं, जिन्हें डिफ्यूज कर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस टीम मामले की जांच में लगी है। जल्द ही, आरोपी को दबोच लिया जाएगा।
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