ग्वालियर और गुना में सोमवार को रेल रोको आंदोलन में पुलिस और किसानों की झड़प हो गई है। ग्वालियर में रेल रोकने के लिए फूलबाग मैदान से निकले किसानों को पुलिस ने रोक लिया। किसान इसके विरोध में सड़क पर बैठ गए। पुलिस फोर्स ने 40 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया। सभी अस्थायी जेल डीआरपी लाइन भेजा गया। इसी तरह गुना में भी 20 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानून एवं लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में सोमवार दोपहर AIKS (ऑल इंडिया किसान सभा) ने रेल रोका आंदोलन की घोषणा की थी। रेल रोको आंदोलन की चेतावनी के बाद से ही इंटेलिजेंस के ऑफिसर अलर्ट मोड़ पर आ गए। जीआरपी, आरपीएफ के साथ ही स्थानीय पुलिस भी तैयार थी। सोमवार दोपहर AIKS के किसान सदस्य फूलबाग पर एकत्रित होना शुरू हुए। पुलिस ने स्टेशन से लेकर फूलबाग तक के रास्ते को छावनी में बदल दिया। किसान एकत्रित होकर स्टेशन के लिए निकले थे।
किसान फूलबाग से 100 मीटर दूर लक्ष्मीबाई समाधि के सामने पहुंचे ही थे कि पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पहले अफसरों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। इसके बावजूद किसान रेल रोकने के लिए आगे बढ़ने लगे। इस दौरान पुलिस ने फिर रोका तो AIKS के सदस्यों और प्रदेश सचिव अखिलेश यादव की पुलिस अफसरों से बहस हुई। AIKS के सदस्य बीच सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। इस पर पुलिस ने सभी को हिरासत में लेना शुरू कर दिया।
किसान बोले- पुलिस आंदोलन को नहीं कुचल सकती
किसान नेता व AIKS के प्रदेश सचिव अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार पुलिस की मदद से किसानों की आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है। पुलिस हमारे आंदोलन का नहीं कुचल सकती। हम कृषि कानून के खिलाफ लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे। जब तक कानून को वापस नहीं लिया जाता AIKS लगातार संघर्ष करता रहेगा।
पुलिस और प्रशासन के साथ हुई बैठक
रेल रोको आंदोलन के पहले पुलिस कंट्रोल रूम में किसानों के साथ पुलिस व प्रशासन की संयुक्त बैठक हुई। इसमें ADM एचबी शर्मा व एडिशनल एसपी सतेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन के स्वरूप पर चर्चा की। किसानों ने कहा कि वे डबरा व ग्वालियर स्टेशन पर रेल रोकेंगे। आंतरी व रायरू स्टेशन पर आंदोलन का असर नहीं रहेगा। दोनों अधिकारियों ने कहा कि वे प्रतीकात्मक आंदोलन करें। कहीं भी नियमों के खिलाफ काम होगा तो उनकी गिरफ्तारी होगी।
गुना में भी धक्का-मुक्की
गुना में रेल रोकने जा रहे किसानों को पुलिस ने स्टेशन पहुंचने से पहले ही रोक लिया। इस दौरान आंदोलनकारियों की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई। ज्ञापन देने के बाद करीब 20 आंदोलनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर वज्र वाहन में बिठा दिया। वहां से कंट्रोल रूम ले जाकर कुछ देर बाद किसानों को रिहा कर दिया गया। गिरफ्तारी से पहले किसानों की दो बार सभा भी हुई। किसानों ने स्टेशन मास्टर को अपनी मांगों संबंधी ज्ञापन सौंपा।
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