मुख्यमंत्री लाख दावे कर लें कि माफिया को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन माफिया हावी हैं। आए दिन पुलिस, वन अमले पर हमलाे हो रहे हैं। गुरुवार-शुक्रवार दरमियानी रात वन अमले पर हमला करने वालों की तलाश में शनिवार को भी पुलिस के अलग-अलग दल जंगल में भेजे गए, लेकिन पत्थर माफिया कहीं नहीं मिला। स्पॉट पर भी जांच की है। पुलिस ने यहां निरीक्षण कर चले हुए कारतूस भी जब्त किए हैं। हाल में माफिया पर अंकुश लगाने के लिए एसपी ग्वालियर के नेतृत्व में कार्रवाई के दावे किए गए थे, लेकिन हमले के बाद दावे रखे रह गए।
यह है मामला
गुरुवार-शुक्रवार दरमियानी रात करीब 12.50 बजे सूचना मिली थी, तिघरा थाना क्षेत्र के लखनपुरा के जंगल में खनन माफिया द्वारा पत्थर का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। सूचना पर रेंजर विकास मिश्रा के साथ ही तिघरा चौकी प्रभारी सुनील जेवियर, गेमरेंज सुपरवाइजर शंकर खालकों के साथ ही वन विभाग का अमला माफिया को रोकने निकला। साथ में एसएएफ का बल भी था। यह सभी लखनपुरा के जंगल में पहुंचे, तो यहां जेसीबी मशीन से पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है।
वन विभाग व एसएएफ के बल ने जेसीबी मशीन को घेर लिया। जेसीबी चला रहे ऑपरेटर को पकड़ लिया था। इसी दौरान अचानक जंगल की झाड़ियों से फायरिंग शुरू हो गई। अचानक हुई फायरिंग से वन अमला संभल भी नहीं पाया। किसी तरह छिपकर जान बचाई। ऐसे में वह जेसीबी और ऑपरेटर को छुड़ा ले गए। गोलीबारी की सूचना पुलिस को दी गई। जब तक पुलिस पहुंची, माफिया भाग चुके थे।
दो दिन से जंगल छान रही पुलिस
हमले के बाद से ग्वालियर की तिघरा थाना पुलिस अतिरिक्त फोर्स के साथ लगातार दो दिन शुक्रवार और शनिवार को तिघरा, लखनपुरा के जंगल में भटक रही है, लेकिन माफिया नहीं मिला। पुलिस के साथ पहुंचे वन विभाग ने कई जगह पड़े पत्थर जब्त किए हैं। स्पॉट से भी कुछ साक्ष्य मिले हैं। इस पर एसपी ग्वालियर का कहना है कि टीमें लगातार माफिया की सर्चिंग में लगी हैं। जल्द माफिया की पहचान की जाएगी और उनको गिरफ्तार भी किया जाएगा।
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