ग्वालियर में बच्चे की चाह में कॉलगर्ल की बलि देने वाले पहले भी एक और कॉलगर्ल को मार चुके हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने ये सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि दुर्गाष्टमी की रात मुरैना के बीहड़ में वे एक और कॉलगर्ल की बलि दे चुके हैं। 5 हजार रुपए में उसे मुरैना लेकर पहुंचे थे। कॉलगर्ल ने शराब पी, इसके बाद उसे उसी की चुनरी से गला कसकर मार डाला था।
जब तांत्रिक को बलि दिखाने के लिए बुलाया तो उसने कहा कि महिला नशे में थी, इसलिए बलि बेकार हो गई। माता नाराज हो गई हैं। नशा करने से महिला खंडित हो गई थी। दोबारा बलि देना पड़ेगी। इसके बाद महिला की लाश छोड़कर वहां से भाग आए थे। आरोपियों ने पहली बलि दुर्गाष्टमी तो दूसरी शरद पूर्णिमा की रात दी थी। यानी 7 दिन में दो हत्याओं की बात उन्होंने स्वीकार की है।
21 अक्टूबर की सुबह हजीरा के IIITM कॉलेज के पास मुरैना रोड पर महिला का शव सड़क किनारे पड़ा मिला था। गर्दन पर गला दबाने और कसने के निशान थे। पहचान हजीरा की रहने वाली आरती उर्फ लक्ष्मी मिश्रा (40 साल) के रूप में हुई थी। पुलिस ने मोतीझील की ममता, उसके पति बेटू भदौरिया, बेटू की बहन मीरा राजावत, मीरा का बॉयफ्रेंड नीरज परमार और तांत्रिक गिरवर यादव को गिरफ्तार किया था। ममता और बेटू को शादी के 18 साल बाद भी बच्चे नहीं हो रहे थे। तांत्रिक ने उन्हें मानव बलि देने को कहा था।
आरती की आरोपियों ने दूसरी बलि दी थी। इससे पहले 13 अक्टूबर (दुर्गाष्टमी) की रात उन्होंने हजीरा की कॉलगर्ल मीनू उर्फ नीरू (38) की दी थी। 14 को नीरू की लाश मुरैना के सरायछोला के बीहड़ में मिली थी। शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। हाथ पर प्रेम गुदावाया हुआ था। अब जाकर उसकी हत्या की गुत्थी सुलझी है।
इस कॉलगर्ल को भी नीरज ने बुलाया था
तांत्रिक सखी बाबा उर्फ गिरवर यादव ने बलि के लिए दुर्गाष्टमी का दिन तय किया था। नीरज परमार ने हजीरा की कॉलगर्ल नीरू से सौदा तय किया। पूरी रात के लिए उससे डील की। इसके बाद उसे लेकर मुरैना के सरायछोला में बीहड़ में पहुंचे। यहां नीरू ने शराब मांगी। नीरज को लगा कि नशे में काम और आसान हो जाएगा। उसने एक क्वार्टर उसे दे दिया। नीरू ने भी शराब पी। इसके बाद उसी की चुनरी से उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। पीछे मोबाइल पर तांत्रिक मंत्र पढ़ता रहा। बलि देने के बाद जब तांत्रिक को बुलाया गया तो कॉलगर्ल के शराब पीने का पता लगा। इस पर तांत्रिक भड़क गया। कहा- पूजा भंग हो गई। इसके बाद उसने 20 अक्टूबर शरद पूर्णिमा की रात बलि देने को कहा। दूसरी कॉलगर्ल को भी नीरज ने ही बुलाया था।
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