कोरोना बचाव के लिए बुधवार को आयोजित टीकाकरण कार्यक्रम में 25,200 लोगों को टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया था। हर केंद्र पर टीका लगवाने वालों की लंबी-लंबी कतारें थीं। लोगों के रुझान का पता इसी बात से लगता है कि बुधवार को 27, 338 लोगों ने टीके लगवाए। वैक्सीन की डिमांड अधिक होने के कारण सुबह 11 बजे से ही केंद्रों पर वैक्सीन खत्म होने की शिकायतें आना शुरू हो गईं।
सबसे ज्यादा स्थिति जयारोग्य चिकित्सालय की खराब थी। यहां सिर्फ 600 डोज आए थे, जबकि टीका लगवाने वालों की इतनी भीड़ थी कि टीकाकरण केंद्र के परिसर में काफी संख्या में लोग एकत्रित होने के बाद गेट बंद करना पड़ा। इसके बाद भी लोग बाहर इस इंतजार में बैठे रहे कि कब गेट खुले और टीका लगवाने अंदर जाएं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गार्डों के साथ-साथ महिला और पुरुष पुलिस के जवान लगाए गए। उन्हें भी भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी।
यहां गार्ड एनाउंसमेंट कर रहा था कि टीका लगवाने क्षमता से अधिक लोग आ गए है, इसलिए नए लोग कल आएं। गुरुवार को टीके नहीं लगेंगे। जयारोग्य चिकित्सालय में कोविशील्ड की डोज दोपहर 12:55 बजे खत्म हो गई। यहां हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई। यही स्थिति जीवाजी यूनिवर्सिटी, सिविल अस्पताल हेम सिंह की परेड की रही। यहीं भी पुलिस बुलानी पड़ी। जिला अस्पताल मुरार, सिविल अस्पताल हजीरा,चेंबर ऑफ कॉमर्स में भी पुलिस की सहायता लेनी पड़ी।
ये कहना था लोगों का
गुढ़ागुढ़ी का नाका निवासी मतिया बाई अपने परिवार की चार महिलाओं के साथ टीका लगवाने आई थी। मतिया बाई का कहना है कि वह सुबह 8 बजे आ गई थी, दोपहर एक बजे उनसे कह दिया गया कि वैक्सीन खत्म हो गई है।
चंद्रवदनी नाका निवासी राजेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार को लोगों की कोई चिंता नहीं है। अगर चिंता होती तो वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराती। केंद्र और राज्य सरकार इस मामले में फेल हो गए हैं। जनता परेशान हो रही है कोई सुनने वाला नहीं है।
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