ग्वालियर में शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया है। सिर्फ 5 फीट के फासले ने 4 जिंदगियां बचा ली हैं। रेत से ओवरलोड डंपर पुलिस से बचने के लिए शहर के गली मोहल्लों से गुजर रहे हैं। ऐसा ही एक रेत से ओवरलोड डंपर नारायण विहार कॉलोनी के संकरे रास्तों से होते हुए निकल रहा था। डंपर के वजन से सड़क धसक गई और डंपर एक मकान के ऊपर जा गिरा। किस्मत से पांच फीट के फांसले से घर का पहला कमरा बच गया। इसी कमरे में घर के चार सदस्य सो रहे थे। यदि उन पर रेत से भरा डंपर गिरता तो किसी की भी जान बचना मुश्किल था। पर इस घटना से रेत माफियाओं पर पुलिस की पकड़ का पता जरुर चल रहा है।
ग्वालियर गोला का मंदिर स्थित नारायण विहार कॉलोनी में शुक्रवार सुबह रेत से भरा डंपर पलट जाने से एक हादसा हो गया। हादसे में एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि इसमें किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है। मकान में रहने वाले धर्मेंद्र के परिवार के लोग बुरी तरह से भयभीत हैं। मकान मालिक धर्मेंद्र ने बताया कि शुक्रवार सुबह जब पूरा परिवार गहरी नींद में घर में सो रहा था तो अचानक से तेज आवाज आई, जब बाहर आकर देखा तो क्षमता से अधिक भरा हुआ रेत का डंपर घर के बाहर अमृत योजना के तहत खोदी गई सड़क खराब होने कारण पलट गया था। जिसमें बाहर बनी हुई दुकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। धर्मेंद्र के परिवार वालों का कहना के आए दिन रास्ता न होने से ऐसे हादसे यहां होते रहते हैं जिसकी शिकायत जनसुनवाई में भी कई बार करने के बाद आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई और इसी का खामियाजा है कि यह हादसा हो गया। जिसकी वजह से पूरा परिवार भय के माहौल में जी रहा है ना जाने कब ऐसा हादसा हो जाए और कौन इसका शिकार बन जाए। दरअसल जिस रेत से भरे डंपर से यह हादसा हुआ वह रेत कारोबारी केपी सिंह भदौरिया के नाम से संचालित बताया जा रहा है। जो कि क्षमता से अधिक भरे होने के कारण सड़क में धंस जाने से मकान पर जा गिरा
मुख्य सड़क छोड़कर गली मोहल्लों से क्यों गुजर रहे रेत के वाहन
- ग्वालियर-चंबल अंचल में रेत माफिया पुलिस और माइनिंग विभाग से बचने के लिए मुख्य सड़कों अपेक्षा हाइवे से शहर को कनेक्ट करने वाले गली मोहल्लों से होकर वाहन गुजारते हैं। शुक्रवार सुबह नारायण विहार कॉलोनी में हुआ हादसा इसी का नतीजा है। रेत से ओवरलोड डंपर जब गुजर रहा था तो अमृत योजना के तहत खोदी गई सड़क में पहिया जाते ही सड़क धसक गई। जिस कारण यह हादसा हो गया। इस तरह के हादसे रोज हो रहे हैं।
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