पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
महिलाओं के हाथ में ट्रेन की कमान थी तो अक्सर देरी से आने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस भी 7 मिनट पहले ही ग्वालियर स्टेशन पर पहुंच गई। ट्रेन का ग्वालियर स्टेशन पर समय 8.30 बजे का था, लेकिन दोनों महिला लोको पायलट 8.23 बजे ही ट्रेन को लेकर ग्वालियर स्टेशन के प्लेटफार्म पर जा पहुंची।
सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर रेलवे ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस की कमान दो महिला लोको पायलट को सौंपी थी। यह झांसी से ट्रेन को लेकर ग्वालियर पहुंची। ट्रेन में लोको पायलट से लेकर सुरक्षा तक की जिम्मेदारी महिलाओं ने संभाली। ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने पर महिलाओं का जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर लोको पायलट कौशल्या और सहायक लोको पायलट आकांक्षा गुप्ता ने कहा कि ट्रेन चलाना एक एंटी नेचर जॉब है। जब लोग सो रहे होते हैं तब हम ट्रेन चला रहे होते हैं। बहुत जिम्मेदारी होती है।
MP की साइबर एक्सपर्ट DSP सृष्टि भार्गव:MPPSC में डिप्टी कलेक्टर की बजाय DSP की पोस्ट चुनी
ट्रेन में पूरा स्टाफ महिला
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सोमवार को रेलवे में नारी सशक्तीकरण की छवि दिखी। महिला दिवस के मौके पर बनारस से ग्वालियर के बीच चलने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस को लोको पायलट कौशल्या देवी, सहायक लोको पायलट आकांक्षा गुप्ता झांसी से ग्वालियर लेकर आईं। साथ ही ट्रेन के अंदर टीटीई से लेकर आरपीएफ के सुरक्षा जवान सभी स्टाफ भी महिलाओं का रहा। नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल ने यह कदम उठाया है। महिला लोको पायलट का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर झांसी स्टेशन पर सम्मान किया गया और उसके बाद वह ग्वालियर के लिए ट्रेन लेकर रवाना हुईं।
ग्वालियर स्टेशन पर हुआ स्वागत
देश में 50 प्रतिशत आबादी महिलाओं की है, फिर भी कुछ काम ऐसे हैं जो पुरुष प्रधान माने जाते हैं। उनमें से ट्रेन चलाना और उसका संचालन करना होता है। क्योंकि इसमें काफी मेहनत और रिस्क रहता है। पर अब 21वीं सदी चल रही है। महिलाएं फाइटर प्लेन तक उड़ा रही हैं। इसी के चलते रेलवे की पहल पर सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर झांसी से पायलट कौशल्या और सहायक पायलट आकांक्षा बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर ग्वालियर पहुंची। यहां ग्वालियर स्टेशन पर उनका जोरदार स्वागत किया गया।
चुनौतियों से भरा है एक पायलट का जॉब
महिला दिवस पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन को झांसी से ग्वालियर चलाकर लाईं लोको पायलट कौशल्या का कहना है कि वह 2013 से ट्रेन चला रही हैं। 2019 से यात्री ट्रेन चला रही हैं। ट्रेन चलाना एक चुनौतियों से भरा जॉब है। एंटी नेचर जॉब होता है। जब लोग सो रहे होते हैं तब हम ट्रेन चला रहे होते हैं। कई तरह की समस्याएं आती हैं, लेकिन खुशी भी मिलती है कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। रेलवे महिलाओं को बहुत सपोर्ट करता है।
हर दिन एक नया चैलेंस
ट्रेन चलाने में लोको पायलट कौशल्या की मदद करने वाली सहायक लोको पायलट आकांक्षा गुप्ता का कहना है कि वह साल 2015 से ट्रेन चला रही हैं। इस जॉब में हर दिन एक नया चैलेंज होता है। हम महिलाएं ही हैं जो घर के साथ-साथ ट्रेनों को भी आसानी से चला लेते हैं। रेलवे में महिलाओं की अच्छी स्थिति है। अब तो हर फील्ड में महिलाएं परचम लहरा रही हैं।
पॉजिटिव- आज आप किसी विशेष प्रयोजन को हासिल करने के लिए प्रयासरत रहेंगे। घर में किसी नवीन वस्तु की खरीदारी भी संभव है। किसी संबंधी की परेशानी में उसकी सहायता करना आपको खुशी प्रदान करेगा। नेगेटिव- नक...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.