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जहरीली शराब कांड मामले की जांच ठेकेदार के बाद अब रायरू डिस्टलरी तक भी पहुंच गई है। मृतकों के साथियों ने पुलिस व आबकारी विभाग को शराब के जो पौवे दिए थे, उनका बैच नंबर 105 व 106 है। इसमें 105 नंबर मसाला पौवा है और 106 नंबर प्लेन।
ये शराब रायरू डिस्टलरी में तैयार हुई थी। इन बैच नंबर के पौवे सामने आने के बाद आबकारी विभाग व प्रशासन ने डिस्टलरी प्रबंधन से इन नंबरों की शराब सप्लाई की जानकारी मांगी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार भिंड में इन दोनों बैच की 4800 पेटी शराब भेजी गई थी।
भिंड के मालनपुर व लहार में जहरीली शराब से होली पर 9 लोगों की मौत भी हो चुकी है। गौरतलब है कि होली की पड़वा एवं भाई दौज पर लहार में जहरीली शराब पीने से 6 व ग्वालियर के चंदूपुरा-खेरिया मिर्धा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्वालियर में जिन लोगों की मौत हुई व जो लोग शराब पीकर बीमार पड़े, वे मालनपुर में ठेकेदार किशोर कुशवाह की फर्म विनो ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड की दुकान से शराब खरीदकर लाए थे।
फैक्टरी में रिकॉर्ड देखकर इस मामले में कुछ जानकारी दे सकूंगा
आबकारी विभाग एवं पुलिस को शराब ठेकेदार व उसके स्टाफ की भूमिका संदिग्ध लगी
मालनपुर की जिस दुकान से शराब खरीदी गई है आबकारी विभाग एवं पुलिस को यहां के ठेकेदार और उसके स्टाफ की भूमिका ज्यादा संदिग्ध लग रही है। अधिकारियों का कहना है कि अब तक जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उसके अनुसार दुकान पर ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में दूसरी शराब शामिल कर बेची गई है और उसे पीने से ये हादसा हुआ।
जिन लोगों ने एक या दो पैग ही पीए, वे सिर्फ बीमार पड़े। जिन्होंने ज्यादा पी ली, उनके शरीर में जहर फैलने से मौत हाे गई। इस कांड में मृतक रवि आदिवासी के बहनोई देवा आदिवासी एवं शंभू आदिवासी ने खरीदे एवं पीए हुए पौवे पुलिस और आबकारी विभाग को दिए थे व मालनपुर की इस दुकान पर भी ये ही लोग ले गए थे जहां से शराब खरीदी गई।
रायरू डिस्टलरी से भिंड में प्लेन के 3200 व मसाले के 1600 पेटी गईं
होली पर भिंड के लहार में 6 और ग्वालियर में 3 मौतों के बाद इन गांवों में मातम पसरा हुआ है। रायरू डिस्टलरी से भिंड जिले में ही बैच नंबर 105 व 106 की 4800 पेटी शराब की सप्लाई की गई है। जिनमें मालनपुर व लहार की दुकानें भी शामिल हैं।
इनमें प्लेन शराब की 3200 पेटी और मसाला शराब की 1600 पेटी शामिल है। इसके अलावा हटा, दमोह, डबरा आदि स्थानों पर भी रायरू डिस्टलरी से इन बैच नंबरों की शराब गई है। इन दोनों बैच नंबर की कुल 12 हजार 100 पेटी शराब डिस्टलरी से सप्लाई की गई है। जिसमें 6200 पेटी प्लेन शराब एवं 5900 पेटी मसाला शराब की हैं।
दुकान से लिए शराब के सैंपल में नहीं मिला मिथाइल एल्कोहल
मालनपुर की जिस दुकान से शराब खरीदकर शिवपुरी और ग्वालियर के युवकों की मौत हुई, उस दुकान की शराब में कोई भी हानिकारक तत्व नहीं मिला है। सोमवार को सैंपल की फोरेंसिक रिपोर्ट आ गई। जिसमें स्पष्ट हुआ है कि शराब में मिथाइल एल्कोहल नहीं था। जबकि मृतकों के बिसरा में मिथाइल एल्कोहल और एथाइल एल्कोहल मिला था।
अब आशंका है कि इस बात की है कि या तो दुकान से ही स्टॉक के अलावा अवैध शराब बेची जा रही थी या फिर इन लोगों ने कहीं और से शराब खरीदी है। चंदूपुरा के एक युवक की तलाश भी पुलिस कर रही है। उसके बारे में पता लगा है, वह अवैध शराब का धंधा करता है। एसपी अमित सांघी ने बताया कि शराब पीने के बाद मरने वालों में रवि आदिवासी, विजय सिंह परिहार और प्रदीप परिहार शामिल हैं। रवि और प्रदीप के शव का पोस्टमार्टम हुआ था। इन दोनों के ही रिश्तेदार और साथियों ने मालनपुर स्थित देशी शराब की दुकान का नाम लिया था।
रवि और प्रदीप की बिसरा जांच रिपोर्ट में सामने आया था कि जो शराब पी उसमें मिथाइल एल्कोहल और एथाइल एल्कोहल है। मिथाइल एल्कोहल की वजह से दो अन्य लोगों की आंख की रोशनी कम हुई। इसके चलते इस दुकान में मौजूद स्टॉक के सैंपल लिए थे। एसपी सांघी ने बताया कि फोरेंसिक लैब के प्रभारी डॉ.अखिलेश भार्गव ने रिपोर्ट सौंपी है।
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