• Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Gwalior
  • The Woman Used To Give Bail For Only Two And A Half Thousand Rupees, So Far She Has Given 10, Now She Is Not Getting A Surety For Herself.

पुलिस के हाथ लगी फर्जी जमानतदार...:सिर्फ ढाई हजार रुपए में महिला दे देती थी जमानत, अभी तक 10 को दिला चुकी है, अब खुद के लिए नहीं मिल रहा जमानतदार

ग्वालियरएक वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक
जिला कोर्ट के दरवाजे पर खड़ी फर्जी जमानत महिला, पुलिस उसे कोर्ट में पेश करने ले गई थी - Dainik Bhaskar
जिला कोर्ट के दरवाजे पर खड़ी फर्जी जमानत महिला, पुलिस उसे कोर्ट में पेश करने ले गई थी
  • - इंदरगंज पुलिस ने एक साल पहले के एक मामले में किया है गिरफ्तार

ग्वालियर के सेशन कोर्ट में फर्जी किसान पुस्तिका, रजिस्ट्री की कॉपी पर मारपीट, छेड़छाड़ व अन्य गंभीर मामलों के आरोपियों को जमानत दिलाने वाली शातिर महिला को पुलिस ने पकड़ा है। महिला को एक साल पुराने मामले में पकड़ा गया है। इससे पहले भी वह पकड़ी जा चुकी है। पुलिस के हाथ लगने के बाद महिला ने खुलासा किया है कि अभी तक 8 से 10 लोगों की फर्जी तरीके से जमानत करा चुकी है। पुलिस ने उससे पूछताछ की है और पता लगा रही है कि अभी तक किन-किन लोगों की वह जमानत दे चुकी है। इसमें कोर्ट के कुछ वकीलों के जरिए उसने फर्जीवाड़ा करना बताया है। फिलहाल पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया है। अब उसका कोई जमानतदार नहीं मिल रहा है।
ग्वालियर के इंदरगंज स्थित जिला एंव सत्र न्यायालय में लगातार फर्जी दस्तावेज पर जमानत की शिकातयें आ रही थीं। करीब एक साल पहले भी फर्जी जमानत का खेल पकड़ में आया था। जिसमें न्यायालय के आदेश पर इंदरगंज थाना पुलिस ने फर्जी किसान पुस्तिका पर आरोपियों की जमानत देने वाली महिला के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जब पुलिस ने जांच की तो एक महिला मंजू राणा निवासी दतिया का नाम सामने आया। यह महिला शहर के बहोड़ापुर आनंद नगर में कहीं रह रही थी। इस पर पुलिस को पता लगा तो शनिवार शाम को पुलिस ने आनंद नगर इलाके से मंजू राणा को गिरफ्तार कर लिया है। जब उसे थाना लाकर पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि वह कितनी शातिर है। उसने बताया कि 8 से 10 लोगों की जमानत अभी तक वह इसी तरह दे चुकी है।
भाभी, बहन या रिश्तेदार बनकर कोर्ट में हो जाती है खड़ी
- मंजू ने बताया कि वह कोर्ट परिसर में घूमती रहती है। जैसे ही उसे लगता है कि कोई बाहर से आरोपी के परिजन को कोई जमानत दार चाहिए तो उनसे संपर्क करती हूं। इसके बाद आरोपी की कोई भी रिश्तेदार बनकर वहीं ऋण पुस्तिका पर फर्जी नाम, पता लगवाकर दस्तावेज तैयार कराती है। इसमें फोटो उसका ही रहता था। जिससे कोर्ट में गवाही देते समय किताब से मिलान करते समय कोई उसे पकड़ नहीं पाता है। इसके बाद कोर्ट में जमानत के लिए खड़ी हो जाती है। जमानत होने पर अपने 2500 रुपए लेकर निकल जाती है।
वकील, स्टाम्प वाले भी पहचानने लगे हैं
- महिला ने पुलिस को यह भी बताया कि अब तो वहां उसे आसपास के दुकानदार, स्टाम्प वाले व वकील भी पहचानने लगे हैं। जब उनको जमानतदार की जरूरत पड़ती है तो वही आरोपियों के रिश्तेदारों को मेरे पास भेज देते हैं। आगे का खतरा उनका रहता है। मैं तो सिर्फ 2500 रुपए लेकर जमानत दे आती हूं।
पुलिस का कहना
- इंदरगंज थाना प्रभारी मिर्जा आसिफ बेग ने बताया कि फर्जी जमानतदार एक महिला को पकड़ा गया है। यह 2 हजार से ढाई हजार रुपए में फर्जी ऋण पुस्तिका के आधार पर जमानत के लिए खड़ी होती थी। उसने और भी कई मामलों में इसी तरह जमानत देना कुबूल किया है। पड़ताल की जा रही है।

खबरें और भी हैं...