'मेरी मौत के जिम्मेदार पिंकी, दीपा और विनोद राठौर है। इन्होंने एक बार मुझे मारने का प्रयास किया था। मेरे पेट व गर्दन पर चाकू मारा गया था, लेकिन मैं बच गया था। पर पिंकी (पत्नी) ने मुझे रिपोर्ट डालने से मना कर दिया था। यह रोज नया प्लान बनाते थे मुझे परेशान करने के लिए, इनकी करतूत मेरे मोबाइल में है। मैं कभी भी मर सकता हूं।'
ये दर्द है ग्वालियर के गोला का मंदिर इलाके में रहने वाले युवक किशन नारवे का, जिसने शुक्रवार रात फांसी लगाकर जान दे दी। मौत से पहले उसने सुसाइड नोट लिखा। जिसमें उसने पत्नी पिंकी, साली दीपा और उनके एक दोस्त विनोद राठौर को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। सुसाइड नोट में लिखा कि यह तीनों हर दिन मुझे परेशान करने के लिए प्लान करते रहते हैं।
विवाद के बाद उठाया आत्मघाती कदम
किशन के छोटे भाई का कहना है कि रात को भैया का भाभी से विवाद भी हुआ था। जिसके बाद उन्होंने मुझे फोन किया था और फिर आत्मघाती कदम उठाया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। घर का दरवाजा अंदर से बंद था। इसलिए गेट के लॉक को गैस कटर से काटने के बाद शव को कमरे से बाहर निकाला। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।
यह है पूरा मामला
गोला का मंदिर निवासी 30 वर्षीय किशन नारवे एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। कुछ दिन पहले उसकी नौकरी छूट गई थी। वह यहां-वहां छोटे-मोटे काम कर अपना गुजारा कर रहा था। किशन की पत्नी पिंकी से उसकी जरा भी नहीं बनती थी। दोनों में आए दिन झगड़े हुआ करते थे। बीती रात भी दोनो में झगड़ा हुआ था। जिस पर पिंकी घर से चली गई और रात को किशन ने फांसी लगाकर जान दे दी।
मौत से पहले छोटे भाई को किया था फोन
घटना का पता उस समय लगा जब किशन का छोटा भाई वहां पहुंचा। उसने बताया कि किशन ने मौत से पहले उसे फोन किया था। जिस पर वह उसे देखने पहुंचा था। घटना का पता चलते ही गोला का मंदिर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। जिस कमरे में किशन ने फांसी लगाई थी उसका दरवाजा अंदर से बंद था। जिसके बाद पुलिस ने गैस कटर लाकर इंटरलॉक को कटवाया और शव को बाहर निकाला। घटनास्थल से पुलिस को गुड़ी-मुड़ी हालत में किशन के हाथ का लिखा सुसाइड नोट भी मिला। इस मामले में गोला का मंदिर थाना पुलिस ने बताया कि शव को निगरानी में लेकर पोस्टमार्टम कराया है। साथ ही मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। सुसाइड नोट को निगरानी में लिया गया है।
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