पूर्व से बक्री चल रहे शुक्र एवं बुध क्रमश: 29 जनवरी और 4 फरवरी को मार्गी हो जाएंगे। साथ ही 29 जनवरी को बुध पूर्व में उदय भी हो जाएगा। इस कारण व्यापार में स्थिरता एवं मौसम में शीतलता की कमी आना शुरू हो जाएगी। पं. विजय भूषण वेदार्थी ने बताया कि 29 जनवरी को पूर्वाआषाढ़ द्वितीय चरण में दोपहर 2.17 बजे पूर्व 10 दिन से बक्री चल रहे शुक्र अपनी मार्गी गति से चलना प्रारंभ कर देंगे।
इसी दिन उत्तराषाढ़ द्वितीय चरण मकर राशि में रहते हुए बुध ग्रह का पूर्व दिशा में उदय शाम 6.19 बजे 20 दिन बाद उदय होंगे एवं इसके बाद 4 फरवरी शुक्रवार को सुबह 9.43 बजे बुध ग्रह अपनी मार्गी गति से चलना प्रारंभ कर देंगे। बुध ग्रह को वाणिज्य का कारक भी माना जाता है। बुध-शुक्र का प्रभाव आकाश मंडल की वायु एवं जल संबंधी गतिविधियों पर भी नियंत्रण रखता है।
बुध एवं शुक्र के मार्गी एवं बुध के उदय होने से आकस्मिक बारिश एवं शीतलहर जैसी परेशानी रुक जाएगी, व्यापार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर आएगी एवं मौसम के अनुसार चल रही सर्दी-जुकाम, फेंफड़ों से संबंधित रोग, वायरल जैसी बीमारी से लोगों को छुटकारा मिलेगा।
इस माघ चंद्रमास में 5 मंगलवार एवं 5 बुधवार भी घटित हो रहे हैं। इससे 11 फरवरी तक प्रधान नेतृृत्व को कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ेगा, इसके बाद स्थिति नियंत्रण में रहेगी। 3 से 6 फरवरी तक तेल-तिलहन, सोना-चांदी एवं रुई में तेजी रहेगी फिर अचानक मंदी आएगी।
26 फरवरी के बाद पूरी तरह से नियंत्रण में आ जाएगा संक्रमण
ग्वालियर की नामराशि मकर एवं प्रभाव राशि कन्या के अनुसार शुक्र-बुध का ग्रह-गोचर व्यापार को तो कमजोर करेगा, लेकिन शिक्षा क्षेत्र में प्रगति के साथ पशुधन से आय के स्त्रोत में वृद्धि होगी। राजनीति क्षेत्र में क्षेत्र का दबदबा प्रदेश में बढ़ेगा। बुध ग्रह के मार्गी 4 फरवरी शुक्रवार को होने से संक्रमण में भी कुछ कमी आने के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन 26 फरवरी मंगल ग्रह के मकर राशि में प्रवेश करते ही मंगल राहु का षडाष्क योग समाप्त होने के बाद संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में आ जाएगा।
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