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अल्पवर्षा होने के चलते व किसानों द्वारा बिजली मोटरों के जरिए अंधाधुंध निकाले जा रहे धरती से पानी के चलते लगातार वाटर लेवल नीचे जा रहा है। हालात ये हैं कि अब अधिकांश से भी ज्यादा नलकूप खनन में पानी नहीं निकल रहा है। इसका मुख्य कारण अल्पवर्षा व अंधाधुंध हो रहे नलकूप खनन हैं। इतना ही नहीं दो माह में अकेली पोहरी ब्लॉक में हुए नलकूप खनन पर नजर डाली जाए तो 86 ग्राम पंचायतों में 3 हजार 400 नए निजी नलकूप खनन किए जा चुके हैं।
किसानों के अनुसार महज 400 ही बोर में पानी निकला है, शेष 3 हजार बोर खनन सूख गए हैं। किसानों के अनुसार इन नवीन बोर खनन की गहराई भी 500 से 800 व एक हजार फीट तक है। इसके बाद भी पानी नहीं निकने से किसान चिंतित बने हुए हैं। वहीं लगातार हो रहे नलकूप खनन में पानी नहीं निकलने व जल स्तर कम होने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा नलकूप खनन पर प्रतिबंध नहीं किया जा रहा है।
भटनावर में करा दिए 400 नलकूप खनन : पोहरी की ग्राम पंचायत भटनावर में इस सीजन में किसानों ने 400 से भी अधिक नए निजी नलकूप खनन करा दिए हैं। इसमें महज 5 से 10 फीसदी ही किसानों के नलकूपों में पानी निकला है। शेष सभी किसानों द्वारा कराए गए खनन सूखे निकले हैं। जबकि ब्लॉक में 86 ग्राम पंचायतें हैं और सभी ग्राम पंचायतों में इसी प्रकार सैकड़ों की संख्या में नलकूप खनन हुए हैं। किसानों के अनुसार कई गांवों में इससे भी ज्यादा संख्या में नलकूप खनन किए गए हैं।
इस प्रकार 86 ग्राम पंचायतों में 3 हजार 400 नवीन नलकूप खनन किसानों द्वारा अपने खेतों व खलिहान में कराए हैं, लेकिन पानी नहीं निकलने से किसान न केवल आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं, बल्कि किसानों से बड़ी राशि इन विदेशी मशीन मालिक एकत्रित कर ले गए हैं।
एक बोर में आता है 1 लाख रुपए से अधिक का खर्चा : किसानों के अनुसार एक बोर खनन में एक लाख से भी अधिक का खर्चा आता है। नवीन बोर खनन में 110 से 120 रुपए प्रति फीट मशीन संचालक लेता हैं। इसमें 500 फीट खनन के 55 से 600 हजार रुपए होते हैं। वहीं 100 से 200 फीट भी तक गहराई में केसिंग पाइप डाली जाती है, जो 60 रुपए प्रतिकिलो की दर से मिलती है और 50 हजार के लगभग की होती है।
एक-एक किसान ने करा दिए पांच-पांच बोर
नलकूप खनन इस कदर कराए जा रहे हैं कि एक-एक किसान ने पांच-पांच तक नलकूप खनन करा दिए हैं। इसके बाद भी पानी नहीं मिल रहा है। परेशान किसानों का कहना है कि पानी अब पाताल में पहुंच गया है। ऐसे ही हालात बनते रहे तो आगे आने वाले समय में न केवल किसान फसल विहीन हो जाएंगे। बल्कि किसानों को पेयजल का भी संकट खंड़ा हो जाएगा। कई गांवों में तो अभी भी यही हालत बने चुके है कि सर्दियों में भी पेयजल के लिए परेशानी हो रही है। वहीं अन्य गांवों में भी लगातार जलस्तर गिरने से नलकूप दम तोड़ते जा रहे हैं।
पांच करा दिए बोर
मैंने इस सीजन में पांच बोर करा लिए हैं, लेकिन किसी भी बोर में पानी नहीं निकला है। इनकी गहराई भी 500 से 800 फीट कराने के बाद भी पानी नहीं मिला है।
-डॉ. शिवराज धाकड़, भटनावर
800 फीट भी सूखा
मैंने दो माह के अंतराल में तीन बोर 800 से अधिक गहराई के करा लिए हैं, इसके बाद भी पानी नहीं निकला है। पूरे गांव में इस सीजन में 400 नए खनन हो गए हैं।
-गोपाल त्रिवेदी, निवासी भटनावर
दोनों बोर निकले सूखे
मैंने गांव में खेती के लिए दो बोर कराए और दोनों की गहराई भी अधिक कराई इसके बाद भी दोनों सूखे निकल गए।
-गोपाल सिंघल, निवासी हरियाखेड़ा
लगना चाहिए प्रतिबंध
अंधाधुंध नलकूप खनन होने से जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इस पर जल्द प्रतिबंध होना चाहिए, लेकिन ये जिला स्तर के अधिकारी ही कर सकते हैं।
-एलएन कोल, पीएचई विभाग पोहरी
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