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महिलाओं में खून की कमी सुरक्षित मातृत्व के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इससे शारीरिक और मानसिक क्षमता को प्रभावित हाेती है। एनीमिया राेग की रोकथाम से ही शिशु एवं मातृ मृत्युदर में कमी आएगी। खून की कमी दूर करने के लिए महिलाओं को कैल्शियमयुक्त भोजन के साथ आयरन की खुराक जरूरी है। यह बात जिला प्रशिक्षक वीरेंद्रकुमार पाराशर ने आशा कार्यकर्ताओं को सुरक्षित मातृत्व के लिए उनके दायित्व बताते हुए कही।
मौका था रविवार काे जिला मुख्यालय पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं मप्र विज्ञान सभा द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से आशा कार्यकर्ताओं के चाैथे बैच के प्रशिक्षण के समापन का। पांच दिन के इस अावासीय प्रशिक्षण में 20आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिला सलाहकार राजेश शर्मा की उपस्थिति में प्रशिक्षण के अंतिम दिन महिला सेल की पुलिस अधिकारी अंजलि शर्मा ने अाशाअाें काे महिला घरेलू हिंसा से जुड़े कानूनों की जानकारी दी।
मास्टर ट्रेनर बीरेन्द्र कुमार पाराशर, विवेककुमार शर्मा एवं योगेन्द्र पाराशर ने आशाओं को डेमो, रोल प्ले के माध्यम से सुरक्षित मातृत्व, शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, एड्स, सेप्सिस, सुरक्षित गर्भपात के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी।
उन्हें बताया कि खून की कमी दूर करने के लिए भोजन में सब्जी, अंडे, दूध, पनीर, मछली, अंजीर का सेवन करना प्रतिदिन धूप में बैठना, गुड़ और तिली के लड्डू कैल्शियम को बढ़ाने में सहायक होते हैं। समापन के माैके पर प्रशिक्षण प्रभारी आशीष पारे ने प्रशिक्षित आशाओं को प्रमाणपत्र वितरण करके कोरोना से बचाव के लिए शपथ दिलाई।
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