पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
कांग्रेस सरकार के समय में गोवंश को सुरक्षित करने की दृष्टि से गोशाला बनाने की योजना पंचायत स्तर पर लागू की गई। इसमें श्योपुर जिले में 84 गोशाला बनाने के लिए सरकार ने बजट जारी किया लेकिन हकीकत यह है कि अब तक इन 84 गोशालाओं में से निर्माण सिर्फ 31 का ही हो सका है। अब भाजपा सरकार ने यहां 33 चारागाह बनाने का आवंटन और कर दिया है।
पूर्व सरकार में गोवंश को गोशाला में रखने के लिए जिले में 84 पंचायतों में बजट आवंटित किया गया। इसमें एक गोशाला की लागत करीब 27 लाख रुपए रखी गई। इसके लिए प्रशासनिक मशीनरी ने सरकारी जमीनों का आवंटन पंचायत को किया ताकि वह उक्त जमीनों पर गोशाला का निर्माण करा सके। लेकिन यहां 84 गोशालाओं में से महज 31 गोशाला ही बनकर तैयार हो सकी।
क्योंकि बाकी गोशालाओं के लिए आवंटित हुई जमीनों पर पहले से ही कब्जा था। ऐसे में यह योजना अधूरी ही रह गई। अब फिर से सरकार ने गोवंश के हित में 33 चारागाह मंजूर की है। इसमें भी जो जमीन आवंटित की गई, उनमें से भी अधिकतर पर कब्जा है। यह हम नहीं बल्कि जिला पंचायत की रिपोर्ट कह रही है जो कि कलेक्टर को सौंपी गई। इस रिपोर्ट के अनुसार 12 चिह्नित जमीनों पर कब्जा बताया गया है।
हाईवे पर लोगों की मुसीबत बढ़ा रहे आवारा मवेशी
शहर के श्योपुर-शिवपुरी, श्योपुर-पाली और श्योपुर-खातौली हाईवे पर आवारा मवेशी जगह-जगह मुसीबत बने हुए है। यहां हाईवे पर रात के समय में यह मवेशी कई बार नजर नहीं आते है और ऐसे में बाइक सवार सबसे ज्यादा हादसों का शिकार बनते है। लेकिन इन आवारा मवेशियों व पालतू मवेशियों को लेकर कभी कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई।
12 गोशालाओं की भूमि, शेष बजट के फेर में अटकीं
जिले में तैयार होने वालीं 84 गोशालाओं में से 31 गौशालाएं बनकर तैयार हो चुकी हैं। इसके बाद 12 गोशालाओं की भूमि के लिए बजट जारी किया गया है। पीओ मनरेगा विक्रम सिंह जाट के मुताबिक जिन गोशालाओं की भूमि पर बजट जारी किया गया है उनकी भूमियों पर अतिक्रमण होने की वजह से यहां गोशालाओं का निर्माण कार्य अटक गया है। शेष बचीं 41 गोशालाओं में अबतक न तो भूमि का आवंटन हो सका है और न ही बजट मिला है।
जमीनों पर कब्जे को लेकर एसडीएम को दी गई जिम्मेदारी
पंचायतों में गोशाला व चारागाह बनाने के लिए बजट तो पूर्व में ही जारी हो चुका है। यहां सिर्फ पंचायतों को गोशाला व चारागाह का निर्माण करना है। लेकिन इन पर हो रहे अतिक्रमण के कारण अब तक निर्माण ही शुरु नहीं हो सका है। दो साल से यह गोशाला की योजना अधूरी पड़ी हुई है।
जिसे लेकर जिपं की रिपोर्ट के बाद कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम को निर्देश दिए है कि वह गोशाला व चारागाह के लिए चिह्नित हुई जमीनों पर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सात दिनों में पूरी करें ताकि इन पर निर्माण कार्य शुरु किया जा सके।
वर्तमान में 31 गोशाला संचालन के लिए राशि ही नहीं
जिले में वर्तमान में 31 गोशालाएं है, जिनका संचालन एनआरएलएम यानी मप्र आजीविका मिशन के तहत महिला स्व-सहायता समूहों को दिया गया है। लेकिन कई गोशालाओं में यह समूह काम न कर गांव के ही एक व्यक्ति को जिम्मेदारी दे चुके है।
इसमें प्रेमसर के गांधीनगर की गोशाला व शहर से सटे नागदा गांव की गोशाला का कुछ यही हाल है। इन समूहों की महिलाओं का भी कहना है कि न तो कोई गोबर खरीदने आ रहा है और न ही अन्य सामग्री उन्हें उपलब्ध हो रही है। यहां तक की शासन की ओर से हर साल मिलने वाला एक रुपए का बजट भी नहीं आया है। ऐसे में संचालन में परेशानी आ रही है।
अतिक्रमण हटाकर वहां गोशाला निर्माण कराएंगे, चारागाह के लिए जमीन चिह्नित
अतिक्रमण की जानकारी जिला पंचायत के द्वारा भेजी गई है। इसपर संबंधित एसडीएम को कार्रवाई के लिए कहा गया है। यहां अतिक्रमण हटाकर जिन जगहों पर गोशाला नहींं बनी है वहां निर्माण शुरू कराएंगे। इसके अलावा नई चारागाह के लिए जमीन चिह्नित करेंगे।
-राकेश कुमार श्रीवास्तव, कलेक्टर, श्योपुर
पॉजिटिव- आज समय कुछ मिला-जुला प्रभाव ला रहा है। पिछले कुछ समय से नजदीकी संबंधों के बीच चल रहे गिले-शिकवे दूर होंगे। आपकी मेहनत और प्रयास के सार्थक परिणाम सामने आएंगे। किसी धार्मिक स्थल पर जाने से आपको...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.