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10 दिन की रैकी करने के बाद 11वें दिन शुक्रवार को कटने के लिए ले जाए जा रहे गोवंश को पिकअप सहित पकड़ लिया। लेकिन इस बीच ड्राइवर व क्लीनर मौके से भाग निकले। यहां पुलिस को इसकी सूचना दी गई, लेकिन तीन घंटे के इंतजार के बाद भी पुलिस मौके पर नहींं आई।
इस पर ग्रामीण खुद ही गोवंश से भरा पिकअप वाहन लेकर थाने पहुंचे गए और मामला दर्ज कराने की मांग करने लगे। लेकिन गसवानी पुलिस ने एफआईआर नहींं की। जिस पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उक्त पिकअप वाहन पुलिस की मदद से ही जा रहा था। हालांकि एसडीओपी के हस्तक्षेप के बाद मामले में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
ग्रामीणों के मुताबिक, उन्हें गोवंश की तस्करी की सूचना करीब 10 दिन पहले मिली थी। इसके बाद युवाओं के अलग-अलग गुट बनाकर ग्रामीणों ने जंगल में रैकी शुरू की, लेकिन ग्रामीण इसमें सफल नहींं हो सके। गुरुवार को ग्रामीणों को सूचना मिली की गुरुवार-शुक्रवार की रात एक वाहन के अंदर गोवंश की तस्करी की जाएगी।
इसके बाद ग्रामीणों ने अलग-अलग टीमें बनाकर गुरुवार की रात ही जंगल में डेरा डाल दिया। शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े 4 बजे एक लोडिंग वाहन मौके से गुजरा तो ग्रामीणों ने उक्त- वाहन को मौके से दबोच लिया लेकिन उसमें बैठे ड्राइवर व क्लीनर अंधेरे का फायदा उठाकर भागकर जाने में कामयाब रहे। गोवंश से भरे वाहन को पकड़ने के बाद ग्रामीणों ने गसवानी थाना पुलिस को सूचना दी।
तीन घंटे इंतजार के बाद परेशान ग्रामीण पिकअप वाहन को थाने लेकर पहुंचे और पुलिस के मौके पर न पहुंचने पर नाराजगी भी व्यक्त की। इसके साथ ही गोवंश की हत्या के लिए की जा रही तस्करी को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। लेकिन ग्रामीणों की बात पुलिस ने नहीं सुनी। इससे नाराज ग्रामीणों ने थाने के सामने ही रोड पर करीब एक घंटे तक चक्काजाम कर दिया।
ग्रामीणों ने हंगामा कर किया चक्काजाम
गोवंश पकड़े जाने के बाद ग्रामीण गसवानी थाने पर तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए पहुंचे। ग्रामीणों का आरोप है कि इस पूरे मामले में पुलिस कार्रवाई करने से बचती नजर आई। उन्होंने पुलिस पर तस्करी के संरक्षण का आरोप भी लगाया और थाना प्रभारी भारत सिंह गुर्जर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही ग्रामीणों ने एसडीएम और एसपी को भी फोन पर मामले की सूचना दी।
पुलिस के संरक्षण में निकल रहा था वाहन
^हमें 10 दिन पहले सूचना मिली थी कि एक गाड़ी गोवंश की हत्या कर उसे ले जा रही है। इसकी सूचना पर हम जंगलों में 10 दिन से रैकी कर रहे थे। शुक्रवार सुबह हमने वाहन को पकड़ा तो ड्राइवर और क्लीनर मौके से भाग निकले। पुलिस भी सूचना देने के बाद 4 घंटे में पहुंची और हमें गुमराह करती रही। यह पूरा काम पुलिस के संरक्षण में किया जा रहा है।
अंकित शर्मा, कार्यकर्ता, हिंदू संगठन
पुलिस पर आरोप लगाने की आदत है
^पुलिस ऐसा कोई भी कृत्य नहींं करती है। लोगों को तो अब पुलिस पर आरोप लगाने की आदत सी हो गई है। अब ग्रामीणों के थाना प्रभारी के खिलाफ जो भी आरोप हैं इस मामले की जांच कराएंगे। मामले की जांच चल रही है।
निर्भय सिंह अलावा, एसडीओपी, विजयपुर
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