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पति के नशे की आदत के कारण आपसी अनबन के चलते सात माह पहले तीन नाबालिग बच्चों के साथ ससुराल से निकाली गई एक महिला काे वन स्टाॅप सेंटर ने उसके पति के मकान में आसरा दिलाया है। वन स्टाॅप सेंटर पर महिला द्वारा मदद की गुहार पर दाेनाें पक्षों में समझौते के लिए कराई गई आमने-सामने बातचीत में पति व देवर ने संग रखने से साफ इनकार दिया ताे न्यायिक मजिस्ट्रेट के अंतरिम आदेश पर शनिवार काे वन स्टाॅप सेंटर की टीम ने महिला व तीनों नाबालिग बच्चों काे पति के तीन मंजिला मकान में प्रवेश करवाया। काेर्ट ने घरेलू हिंसा के इस मामले का अंतिम निपटारा हाेने तक बिना किसी राेक के पति के मकान में रहने का यह आदेश जारी किया है।
जानकारी के अनुसार गत 10 दिसंबर काे रीमा गाैड़ (परिवर्तित नाम) अपने 3 नाबालिग बच्चों को लेकर वन स्टाॅप सेंटर पर पहुंची थी। बताया कि उसकी शादी 9 साल पहले शहर के केशवनगर में रहने वाले सूरज गाैड़ से हुई थी। शादी के बाद उसे पता चला कि पति नशे का आदि है और अत्यधिक नशा करता है।
रीमा ने बताया कि पति उसे भी नशे का सेवन करने के लिए दबाव बनाता मारपीट करता था। इसी बात पर झगड़े पर गत मई में पति सूरज गाैड़ ने मारपीट कर बच्चों सहित घर से निकाल दिया। देवर भी उसके खिलाफ रहा। पिछले 7 माह से वह तीनों बच्चों के साथ मायके में रह रही है।
इस कारण उसके बच्चों की पढाई-लिखाई भी नहीं हा़े पा रही है और वह भविष्य काे लेकर मानसिक दबाव में है। वन स्टाॅप सेंटर पर पदस्थ लीगर केस वर्कर प्रियंका मंगल ने बताया कि रीना गाैड़ की फरियाद पर उसके पति सूरज गाैड़ व देवर रवि गाैड़ काे बुलाया गया। दाेनाें पक्षों काे आमने सामने बैठाकर बातचीत कराई। इसमें पति सूरज व देवर रवि ने संग रखने साफ मनाकर दिया।
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