कोराेना महामारी के समय प्रदेशभर में कोविड-19 के तहत भर्ती किए गए संविदा चिकित्सक और कर्मचारियों ने पूरे समय काम किया। वे फ्रंट लाइन पर आकर कोरोना मरीजों की सेवा करते रहे। कई बार कई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव भी हुए। अब प्रदेश सरकार ने चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, एएनएम एवं फार्मासिस्ट को 31 मार्च 2022 से पद मुक्त कर दिया है। बजट की कमी का हवाला देकर हटाने का पत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा उन्हें दिया गया है।
शिवपुरी जिले के कोविड-19 के तहत लगे हुए संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने इसका ज्ञापन शनिवार को शिवपुरी आए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 कार्यरत चिकित्सक एवं कर्मचारियों का स्थाई या संविदा में संविलियन कर पीएचसी, सीएचसी पर पदस्थापना कर सम्मिलित किया जाए।
4 अप्रैल को भोपाल में एकत्रित होंगे
4 अप्रैल को मध्य प्रदेश के सभी जिलों से कोविड-19 में कार्य करने वाले चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ एकत्रित होकर भोपाल में अपना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से संविदा में संविलियन करने की मांग की।
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