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काला, गोरा या शारीरिक रूप से दिव्यांग जैसा भी हो हर बच्चा उसकी मां के लिए दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। और उस बच्चे के जीवन की रक्षा और सेवा करना हमारा उत्तरदायित्व है। क्योंकि हमें ईश्वर ने इस काम के लिए चुना है और सरकार हमें वेतन भी तो इसी काम का दे रही है इसलिए चाहे प्रसव केंद्र हो या फिर एसएनसीयू के चिकित्सक या स्टाफ सभी को अपनी जिम्मेदारी बेहतर ढंग से निभाना चाहिए। यह बात सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे ने प्रसव केंद्र, एसएनसीयू चिकित्सक और स्टाफ को आयोजित दक्षता कार्यक्रम को संबोधित कर कही।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा प्रसव केंद्रों पर नवजात के सिर से लेकर पांव तक परीक्षण किए जाने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। जिसे लेकर सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे द्वारा विशेष बैठक का आयोजन जिला अस्पताल में किया गया। बैठक में डॉक्टर खरे द्वारा उपस्थित स्टाफ को नवजात बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए मां और उसके लिए बच्चे के महत्व और विभिन्न भावनात्मक पहलुओं पर ध्यान आकृष्ट करते हुए बच्चे की सुरक्षा और स्वास्थ हमारी पहली जिम्मेदारी है।
जो भी बच्चा जिला चिकित्सालय में जन्म ले, प्रत्येक बच्चे की सर से पांव तक स्क्रीनिंग की जाए और स्क्रीनिंग के बाद उसे एचएमआई पोर्टल पर भी दर्ज किया जाए। बैठक में आर बीएसके के प्रभारी कोऑर्डिनेटर अखिलेश शर्मा ने उपस्थित स्टाफ को बर्थ डिफेक्ट के प्रकार, स्क्रीनिंग तरीका, स्क्रीनिंग उपरांत परामर्श प्रक्रिया तथा रेफर किए जाने के विषय में बिन्दु बार जानकारी प्रदान की। बैठक में डॉक्टर गौतम, डॉक्टर कीर्ति, डॉक्टर बृजेश मंगल सहित प्रसव केंद्र की स्टाफ नर्स उपस्थित रहे
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