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किसी भी केस में डीएनए परीक्षण के लिए अब सागर लैब की बाध्यता खत्म हो गई है। प्रदेश में अब तक केवल सागर से ही डीएनए के परीक्षण होते थे, लेकिन अब शासन ने भोपाल में ही डीएनए जांच केंद्र शुरू कर दिया है। इससे न केवल जल्द डीएनए रिपोर्ट पुलिस केस को मिल सकेगी। वरन इससे केसों को जल्द निपटाने में भी अदालत को सुविधा मिलेगी। रविवार को जिले के पुलिस कर्मियों की साप्ताहिक दक्षता कार्यक्रम में एफएसएल अधिकारी एचएस बरहादिया ने कही।
पुलिस कम्युनिटी हॉल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिले के विभिन्न थानों से आए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देते हुए एचएस बरहादिया ने कहा कि किसी भी केस को डिटेक्ट करने के लिए उस केस की डीएनए रिपोर्ट बेहद अहम है। धारा 376, मेटरनिटी और आइडेंटिफिकेशन के साथ हत्या प्रकरण में भी डीएनए जांच जरुरी है।
वरन यह वह जांच हैं जिसके आधार पर पुलिस कर्मियों को इन केसों को सुलझाने में मदद मिलती है। पूर्व राज्यपाल रहे नारायण दत्त तिवारी और उनके बेटे का उनका ही पुत्र होने का दावे का हवाला देते हुए बरहादिया ने कहा कि इस केस की पहचान का आधार ही डीएनए रिपोर्ट बनी थी। जानते हैं यह कितना बड़ा मामला था। पुलिस केस में डीएनए रिपोर्ट है तो फिर हर वह अपराध जो डीएनए जांच से जुड़ा हुआ है। वह आसानी से हल हो सकता है।
सायबर एक्सपर्ट बोले- पीड़ित के आर्टिकल्स से होती है अपराधी या संदिग्ध आरोपी के ब्लड सैंपल की जांच
सायबर एक्सपर्ट बरहादिया ने पुलिसकर्मियों को बताया कि मान लीजिए 376 के केस की हम पड़ताल कर रहे हैं तो उसमें हमने पीड़िता के आर्टिकल्स को लेकर अपराधी या संदिग्ध आरोपी के ब्लड सैंपल की जांच डीएनए परीक्षण में होती है।
यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो फिर गवाहों की भी जरूरत नहीं पड़ती। ठीक इसी तरह से यदि हत्या का प्रकरण है तो वहां वेपन के साथ साथ मृतक, आरोपी के कपड़े पर लगे खून के निशान आदि से उसका परीक्षण होने के बाद हम डीएनए जांच कराते हैं। यह जांच पॉजिटिव आने पर पूरे केस का खुलासा हो जाता है। इसलिए डीएनए की कार्यप्रणाली को समझें और पुलिसकर्मी केस की गंभीरता को भी जानें।
अभी 9 हजार केस डीएनए रिपोर्ट नहीं आने से पेंडिंग
पुलिस कर्मियों को डीएनए लैब सागर की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि अभी डीएनए रिपोर्ट के हालात यह हैं कि प्रदेश में एक ही लैब होने से तकरीबन 9 हजार केस की पेंडेंसी इनकी वजह से रुकी है। अब भोपाल में यह लैब 10 जनवरी से शुरू हो गई है। इससे केस की पेंडेंसी खत्म होगी।
वहीं जिले में भी कोर्ट कैस 25 से अधिक केस डीएनए रिपोर्ट की वजह से लंबित हैं। उनके भी समाधान का अवसर इससे मिलेगा। खास बात यह है कि ग्वालियर, चंबल संभाग के डीएनए रिपोर्ट अब सागर के बजाए भोपाल से होगी। एफएसएल अधिकारी एचएस बरहादिया की मानें तो ग्वालियर में भी जल्द यह लैब शुरू होगी। जिससे पूरे संभाग को बड़ी राहत मिलेगी।
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