साल दर साल साेयाबीन से घाटा िमलने के बाद भी जिले के किसानाें ने इस साल साेयाबीन का तवज्जाे दी है। कई किसानाें ने सोयाबीन के विकल्प के रूप में पिछले कुछ सालाें में मक्का की बाेवनी की थी। हालांकि इस साल भी कई किसानाें ने मक्का की बाेवनी की है। बीते दो साल से मक्का भी एक बड़े विकल्प के रूप में सामने आया है।
सोयाबीन से किसानों की माली हालत सुधरी थी। किसानों ने बताया कि जिले में साेयाबीन इस बार अधिक मात्रा में बाेई गई है। कृषि विभाग के अनुसार इस साल 1 लाख 93 हजार 550 हेक्टेयर में खरीफ की बाेवनी हाेना है। मानसून की दस्तक के साथ ही जिले में सोयाबीन व मक्का फसल की बाेवनी का काम शुरू हो गया है।
जिले में 1 लाख 51 हजार 400 हेक्टेयर में साेयाबीन, 22 हजार हेक्टेयर में मक्का, 5500 हेक्टेयर में अरहर, 4500 हेक्टेयर में उड़द, 2500 हेक्टेयर में तिल, 1500 हेक्टेयर में मूंग की खेती का लक्ष्य है। तीनाें ब्लाॅक में लगभग 65 प्रतिशत बाेवनी का काम हाे गया है। दाे दिनाें से जारी तेज धूप से अंकुरित फसल काे पानी की जरूरत है। माैसम विभाग : अब हरदा िजले में बारिश हाेगी, येलाे अलर्ट जारी किया है
तेज हवाएं चलेंगी, बारिश भी होगी
मौसम विभाग के अनुसार अब जिले मे ंबारिश हाेने की पूरी संभावना है। विभाग ने हरदा जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार जिले में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से तेज हवाएं चल सकती हैं। गरज और चमक के साथ बारिश भी होने का अनुमान जताया गया है। मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार अगले एक या 2 दिन मौसम इसी तरह बना रहेगा। कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है।
किसानाें ने कहा नुकसान हाेगा
किसानाें ने कहा कि जल्द बारिश नहीं हुई ताे अंकुरित फसल काे नुकसान हाेगा। वहीं जिले के कई गांवाें में साेयाबीन की बाेवनी खराब हाेने की सूचना भी मिल रही है। किसान सुरेश पटेल और अर्जुन सिंह ने बताया कि इस बार किसानों ने जिले से बाहर जाकर करीब ₹13000 प्रति क्विंटल कीमत का बीज खरीदा है।
जिन किसानों ने मूंग की बोवनी की थी, उन्होंने सबसे पहले सोयाबीन की बाेवनी की है। वहीं जो खेत गर्मी के दिनों में खाली थे उनमें अभी बाेवनी नहीं हो सकी है। क्योंकि मिट्टी को पर्याप्त नमी नहीं मिल पाई है।
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