बैतूल जिले के मुलताई इलाके में बाघ की दहशत के बीच सैकड़ों लोग देर रात हथियार और लाठियां लेकर उसकी तलाश में सड़क पर उतर आए। यहां एक किसान ने बाघ के दिखाई देने का दावा किया था। हालांकि काफी सर्चिंग के बाघ नहीं श्वान निकला। वन विभाग ने इसकी पुष्टि की है।
मुलताई से चार किमी दूर रात करीब 10 बजे उस समय ग्रामीणों में दहशत फैल गई, जब ग्रामीण लल्लू उर्फ नंदकिशोर ने खेत के पास बाघ होने की जानकारी ग्रामीणों को दी। सैकड़ों ग्रामीण लाठियां, बल्लम लेकर खेत पहुंचे और चारों तरफ फैल गए।
रेंजर अशोक राहंगडाले ने बताया कि सूचना के समय वन विभाग का एक दल करीबी गांव करजगांव में था। इस पर टीम वहां तत्काल पहुंच गई। पुलिस भी मौके पर पहुंची। ग्रामीणों को एक तरफ कर टीम ने बाघ की तलाश शुरू की।
बाघ नहीं, डॉग निकला
ग्रामीण हितेश और श्याम हरोडे ने बताया कि गांव वालों ने खेत को घेर लिया था, लेकिन सर्चिंग के बाद एक श्वान नजर आया। लोग वेवजह डर गए थे। वन परिक्षेत्राधिकारी में भी इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि वन्य प्राणी के इस इलाके में होने की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। तीन चार दिन पहले जौलखेड़ा क्षेत्र में पगमार्क और भैंस के शिकार का प्रयास हुआ था। लेकिन घटना के बाद चार से पांच दिन बीतने के बावजूद शिकार की कोई खबर नहीं है। इससे संभावना है कि बाघ इलाके से जा चुका है। यह बाघों के मेटिंग का समय है। हो सकता है वह भटक गया हो।
आमला में भी दहशत
इधर, बाघ देखे जाने की चर्चाएं आमला इलाके में भी है। यहां कजली कन्नौजिया क्षेत्र, जमबड़ा इलाके में भी बाघ देखे जाने की चर्चाएं है। जिसके बाद वन विभाग सर्चिंग कर रहा है। हालांकि अब तक ऐसे कोई निशान नहीं मिले हैं।
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