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बैतूल-चिचोली- इंदौर फोरलेन के लिए जमीन अधिग्रहण में बेहद कम मुआवजा दिए जाने के विरोध शुरू हाे गया है। इसी के चलते नोटिस लेने से जोगली और आसपास के किसानों ने मना कर दिया है। इस क्षेत्र के किसान चक्काजाम करने की तैयारी भी कर रहे हैं।
जाेगली में पिछले तीन दिनाें से नाेटिस बांटे जा रहे हैं, लेकिन किसान नाेटिस लेने काे तैयार नहीं है। इधर कुछ किसानों के नोटिसों में तो अंकों और शब्दों में अलग-अलग राशि लिखी होने की गड़बड़ी भी सामने अा रही है। किसानों की मांग है कि जमीन, इस पर बने कुएं और ट्यूबवेल, जमीन पर लगे पेड़ाें सभी का अलग-अलग मुआवजा बताया जाना चाहिए।
लेकिन प्रशासन ने इकट्ठी राशि बता रहा है, जाे कि गलत है। किसान मदन मालवीय ने बताया कि जाेगली में 16 दिसंबर काे शिविर लगेगा। 100 से ज्यादा किसानों ने मुआवजा नहीं लिया है। 16 काे मुआवजे के लिए जरूरी दस्तावेज पंचायत में जमा करना है, लेकिन पहले ताे मुआवजा बहुत कम बताया जा रहा है।
बैठक में लिया निर्णय, नहीं लेंगे प्रक्रिया में भाग
फोरलेन ग्राम जोगली से होकर गुजरना है। भूमि अधिग्रहण मुआवजा राशि को लेकर ग्राम कोटवार द्वारा दिए गए नोटिस को किसानों से लेने से मना कर दिया है। मदन मालवीय ने बताया कि जारी किए गए नोटिस में जमीन अधिग्रहण कौड़ियों के दाम दर्शाए हैं, जबकि इस नोटिस में मकान, ट्यूबवेल, पेड़ व मुआवजा की राशि अलग नहीं बताई है।
जोगली में जमीन कम दाम में ली जा रही है। वहीं पूर्व में टू-लेन की मुआवजा राशि अभी तक नहीं मिल पाई है। किसानों ने रविवार को ग्राम जोगली में बैठक आयोजित की। जिसमें बताया कि किसानों को फोरलेन में अधिग्रहण की गई जमीनों का उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है, वही कई किसानों के नाम भी सूची से गायब हैं। विभाग द्वारा उचित मुआवजा नहीं दिया गया तो आगामी दिनों में सड़क पर आंदोलन करेंगे।
ये किसान भी हैं परेशान
भड़ूस निवासी राजीव धोटे ने बताया कि उनकी जाे जमीन जा रही है उसकी रजिस्ट्री में कीमत 25 लाख 70 हजार रुपए एकड़ है। जबकि उसे मुआवजा 23 लाख रुपए हेक्टेयर के हिसाब से मूल्यांकन करके दिया जा रहा है। इसी तरह गाेंडूमंडइ के किसान हेमराज खोबरे की जमीन का मुआवजा 55 लाख रुपए बन रहा है। जबकि इस जमीन पर 81 पेड़ हैं। एक पेड़ की ही कीमत 50 हजार रुपए लगभग है। इस तरह पेड़ाें की कीमत ही 40 लाख 50 हजार रुपए हाेती है।
नाेटिस में भी हैं विसंगतियां
जाेगली के एक किसान काे ताे ऐसा नाेटिस दिया है जिसमें अंकाें में अलग राशि लिखी है अाैर शब्दों में काेष्टक में अलग राशि लिखी गई है। हम विराेध प्रदर्शन करके मुआवजा सही ढंग से बंटवाने की मांग उठाएंगे। मदन मालवीय ने बताया कि जाेगली में कुछ किसानों काे कच्चे मकान का मुआवजा दाे लाख रुपए दिया है, वहीं पक्के मकान का 70 हजार रुपए दिया है। हम चर्चा करके सही निर्धारण की मांग उठाएंगे। हम चक्काजाम की तैयारी कर रहे हैं।
टिमरनी में अलग प्रक्रिया, बैतूल में अलग
साेनपुर के किसान प्रशांत शुक्ला ने बताया कि इसी फोरलेन के निर्माण के लिए टिमरनी में धारा 27 के तहत नाेटिस जारी किए थे। किस वर्ष की गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा निर्धारण किया जा रहा है यह भी नहीं बताया गया है। जमीन, मकान अाैर ट्यूबवेल सभी का अलग-अलग मूल्यांकन दिखाकर प्रक्रिया की जा रही है। बैतूल में धारा 27 के तहत नाेटिस दिए जाने की प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया है।
राशि का निर्धारण पहले हो चुका है, अब राशि बांटना है
फोरलेन निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण का अंतिम अवार्ड पारित हो चुका है। अब केवल शिविर लगाकर खातों की जानकारी ली जानी है, इसके लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। नोटिस में अंकों और शब्दों में लिखी राशि अलग-अलग है तो यह लिपिकीय त्रुटि हो सकती है।
- सीएल चनाप, एसडीएम, बैतूल
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