एमपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम बुधवार को घोषित किया। कोरोना संक्रमण के कारण पहली बार ऐसा रिजल्ट आया कि सभी बच्चे उत्तीर्ण हो गए। जिले में दसवीं में 6819 नियमित व 426 प्राइवेट विद्यार्थियाें ने परीक्षा दी। बेस्ट फाइव के अनुसार आए रिजल्ट को लेकर बच्चों में उत्साह नहीं रहा। कई विद्यार्थी रिजल्ट से संतुष्ट ताे कुछ असंतुष्ट नजर आए। अब बच्चाें का कहना है कि अब अच्छे अंक लाने व काबीलियत परखने के लिए लिखित परीक्षा देंगे।
इस परीक्षा में और बेहतर अंक आने की उम्मीद है। पहली बार दसवीं की बाेर्ड परीक्षा में काेई फेल नहीं हुआ और किसी काे पूरक भी नहीं आई। जिलेवार रिजल्ट घोषित किया जाता था, लेकिन इस बार केवल प्रदेश का रिजल्ट घोषित किया। हालांकि बोर्ड परीक्षा में सभी बच्चे पास हुए। इस बार दसवीं के नियमित विद्यार्थियों के लिए अर्द्धवार्षिक, प्री बोर्ड व यूनिट टेस्ट और आंतरिक मूल्यांकन के अंक के आधार पर रिजल्ट बनाया। इन परीक्षाओं में उपस्थित नहीं रहने वाले विद्यार्थियों को 33 प्रतिशत अंक देकर पास किया। प्राइवेट के विद्यार्थियों को भी 33 प्रतिशत अंक देकर उत्तीर्ण किया।
रिजल्ट से असंतुष्ट विद्यार्थी दें सकेंगे लिखित परीक्षा
परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट विद्यार्थियाें को लिखित परीक्षा देने का माैका दिया जाएगा। इसके लिए 1 से 25 सितंबर के बीच परीक्षा आयोजित हाेगी। इसमें प्राप्त अंकों के अनुसार उनकी मार्कशीट जारी की जाएगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने आदेश जारी किए हैं। इसके लिए छात्रों को 1 से 10 अगस्त तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
प्री-बाेर्ड में नहीं थी तैयारी, वार्षिक के लिए की मेहनत
शहर के वार्ड 16 निवासी 10वीं के छात्र कान्हा यादव के मुताबिक प्री-बाेर्ड के लिए मेहनत नहीं की। उनकी तैयारी बाेर्ड की फाइनल परीक्षा के लिए थी, लेकिन परीक्षा ही नहीं हुई। 500 में से 410 नंबर मिले हैं। लिखित परीक्षा हाेती ताे और अधिक नंबर आ सकते थे। अपनी काबीलियत साबित करने के लिए लिखित परीक्षा दूंगा।
लिखित परीक्षा में अधिक नंबर ला सकता था
शहर के वार्ड 2 में रहने वाले छात्र पीयूष शर्मा ने कहा बेस्ट फाइव के आधार पर नंबर मिले हैं। इसमें रिविजन टेस्ट, प्री-बाेर्ड व आंतरिक मूल्यांकन और तीन साल के परिणाम काे आधार बनाया है। लेकिन बाेर्ड की परीक्षा के लिए मैने अधिक मेहनत की थी। परीक्षा नहीं हुई।
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