खरीफ फसल मक्का पर फॉल आर्मी वर्म कीटों का प्रकोप देखने को मिल रहा हैं। जिससे किसान को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि कृषि विज्ञान केंद्र पालिया पिपरिया के वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर किसानों को फसल प्रबंधन के तरीके बताएं जा रहे है। केवीके प्रभारी ब्रजेश नामदेव ने बताया हमने जिले के विभिन्न ब्लॉक के अनेक गांवों में भ्रमण करके मक्का फसल में फॉल आर्मी वर्म कीटों का प्रकोप देखा। यह बाहरी नाशी जीव (इनवेसिव पेस्ट) है। जो फसल पर फौज की तरह सामूहिक रूप से आक्रमण करता है। जिसका वैज्ञानिक नाम स्पोडोप्टेरा फुजीपरडा है। यह कीट मक्का के अलावा ज्वार, बाजरा सहित अन्य फसलों को नुकसान पहुंचता है। जिसके काटने या चबाने से फसल में मुखांग होते है। कीट बहु भक्षी होने के कारण फसल में गंभीर नुकसान कर सकता है। फसल पर कीट के प्रकोप के चलते किसानों को तकनीकी जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है। केंद्र पर किसानों को प्रक्षेत्र परीक्षण भी किया जा रहा है। फॉल आर्मी वर्म कीट हमारे देश में सर्वप्रथम कर्नाटक प्रदेश में 2018 में देखा गया, जो धीरे-धीरे पूरे देश मे पैर पसार रहा है। इस कीट की इल्ली मक्के के छोटे-छोटे पौधों को जड़ से काटकर जमीन में गिरा देती है। पत्तियों के हरे भाग को खाती है, जिससे सफेद धब्बे दिखाई देने लगते है। कीट पुष्प अवस्था में पूरे पौधे की पत्ती, नर मंजरी एवं भुट्टे को नुकसान पहुंचते हैं। इल्लियां प्रायः पोंगली में छिपी होती है। अनुकूल मौसम में यह कीट 35 से 40 दिनों में जीवनचक्र पूरा कर लेता है। किसानों को फॉल आर्मी वर्म कीट पर प्रबंधन के लिए वैज्ञानिकों ने बताया कि नर वयस्क कीट पर नियंत्रण एवं प्रजनन को रोकने के लिए 15 फेरोमोन प्रपंच प्रति एकड़ की दर से लगाएं। इल्लियों पर अंकुश लगने के लिए जैविक कीटनाशी मेटाराइजियम एनिसोपली या बेवरिया बेसियाना का छिड़काव कर सकते है। रासायनिक कीटनाशक स्पाईनोटेराम 11. 7 % या थायोमेथाक्सम के साथ 12.6℅ लेम्डासाईहेलोथ्रिल 9.5% का 100 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ के का छिड़काव करें।
फसलें बर्बाद हुई तो किसानों ने खेत में छोड़ें मवेशी, जल्द सर्वे करने की मांग की
सिवनीमालवा| क्षेत्र में सर्वाधिक सोयाबीन की बोनी होने और प्राकृतिक आपदा आने के बाद पूरी तरह नष्ट हो रहे सोयाबीन, मूंग, उड़द और मक्का की फसल सहित अन्य नष्ट हो रही फसलों के लिए तुरंत सर्वे कराकर किसान को अनुदान दिलाने के लिए किसान कांग्रेस के मुकेश रघुवंशी सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन एसडीएम के नाम नायब तहसीलदार नीलेश पटेल को सौंपा। ज्ञापन देने वाले मुकेश पटेल सहित संतोष पटेल, शिव करेले, प्रवीण रघुवंशी, अतुल गौर, राजेश रघुवंशी, कल्लू सिंह रघुवंशी, चंपालाल नारायण सिंह, सुनील पटेल, मुनव्वर समी, उल्ला खान, बबलू सेवा, आनंद रघुवंशी, विक्रम सिंह, सोनू पटेल का आरोप था कि सरकार ने पिछली मूंग की फसल खरीदने के लिए समर्थन मूल्य का निर्धारण नहीं किया और ना ही मूंग खरीदी गई।
फसल में मवेशी छोड़ें
प्रदेश किसान कांग्रेस के महामंत्री मुकेश पटेल ने बताया की खराब होती हुई सोयाबीन की फसल से किसान इतने हताश और निराश हो गए हैं कि उन्हें अब सोयाबीन की फसल आने की संभावना नजर नहीं आ रही है, इसलिए अनेक गांव के किसानों ने मवेशी खेतों में खड़ी फसल में छोड़ दिए हैं।
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