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हरदा में पेट्रोल की कीमत 100 पार कर गई है। मंगलवार को हरदा में कीमत 100.26 रु. तो खिरकिया में 100.52 रुपए कीमत रही। संभाग में सबसे पहले हरदा में ही सादे पेट्रोल के दाम 100 रुपए के पार हुए हैं। पेट्रोल कीमत 50 से 100 पर आने में साढ़े 12 साल लगे। जबकि 25 से 50 आने में 8 साल लगे थे। हालांकि आखिरी 25 बढ़ने में एक साल भी नहीं लगा।
जून 2020 में पेट्राेल के दाम 78.77 रुपए थे। पेट्रोल की कीमतें बढ़ने के साथ ही खपत में कमी आ रही है। टिमरनी के एक पेट्रोल पंप संचालक ने तो खपत बढ़ने के कारण कंपनी को पेट्रोल पंप बंद करने का पत्र लिख दिया है।
इधर, कीमतों में बढ़ोत्तरी के चलते दूध बांटने वाले, ऑनलाइन खरीदे गए सामान की होम डिलीवरी करने वाले, अपडाउनर समेत तमाम लोगों का खर्च एक साल में तकरीबन 25 प्रतिशत बढ़ गया है।डीजल भी इसके पीछे 90 के पार चल रहा है। पेट्राेल और डीजल दोनों की बिक्री में गिरावट आ गई है पेट्राेल की 25 प्रतिशत और डीजल की खपत 30 प्रतिशत तक कम हाे गई है।
1.25 लाख लीटर थी बिक्री, 90-95 हजार लीटर रह गई
जिले में वर्तमान में 58 पेट्राेल पंप हैं। पेट्राेल पंपाें पर राेजाना औसतन 1.25 लाख लीटर की बिक्री हाेती थी। अब बिक्री 90 से 95 हजार लीटर के बीच आ गई है। इसी तरह डीजल 2 लाख लीटर तक बिक जाता था। वर्तमान में डीजल की बिक्री 1.40 लाख लीटर पर आ गई है।
50 रु. महीना बढ़ा दूध का होम डिलीवरी चार्ज
डगांवा शंकर गांव के रामनिवास राजपूत बच्चों की पढ़ाई के लिए हरदा में रह रहे 35 ग्रामीण परिवारों के लिए गांव से दूध लाते हैं और होम डिलीवरी करते हैं। हर परिवार से 250 रु. लेते थे, अब 300 रु. कर रहे हैं। उन्होंने बताया पहले 70 से 90 रु. का पेट्रोल रोजाना लगता था, अब 130 रु. का लग रहा है। इसलिए चार्ज बढ़ाया है।
100 रु. भाड़ा बढ़ेगा गांव से सब्जी मंडी लाने का
लक्ष्मीनारायण कुशवाह गहाल गांव से किसानों की सब्जी अपने लोडिंग ऑटो में 25 किमी दूर मंडी तक लाते हैं। 400 रु. महीना लेते थे। लौटते समय सब्जी खरीदकर रास्ते में आने वाले गांवों में बेचते हैं। उन्होंने बताया रोजाना 150 से 160रु. का डीजल लगता था, अब 200 का लग रहा है। अब महंगा पड़ रहा है। इस महीने से भाड़ा 500 रुपए करूंगा।
यात्रा भत्ता 500 महीना, खर्च हो रहे 200 रु. रोज
पटवारी राजीव जैन हंडिया से हनीफाबाद अपने हल्का नंबर में काम करने रोजाना जाते हैं। यह 25 किमी पड़ता है, उसके बाद गांवों में भ्रमण करते हैं। जैन ने बताया यात्रा भत्ता 500 रुपए प्रति महीना है। अब तक रोजाना 120 रुपए का पेट्रोल बाइक में लगता था। कीमतें बढ़ने के बाद 200 रु. रोज लगने लगा है।
ग्रामीण इलाकाें में बिक्री कम
जिले के पंपाें पर पेट्राेल-डीजल की बिक्री कम हाे गई है। औसतन जिले में 4 हजार लीटर पेट्राेल व 5 हजार लीटर डीजल की बिक्री थी। दाम बढ़ने के बाद 3 हजार लीटर पेट्राेल और साढ़े तीन हजार लीटर डीजल की खपत हाे पा रही है। शहरी क्षेत्र, नेशनल व स्टेट हाइवे के पंपाें पर खपत अधिक है। ग्रामीण इलाकाें में बिक्री कम है।
भाव में लगी आग: फरवरी में पेट्राेल के 14 और डीजल के 17 बार रेट बढ़े
फरवरी माह में पेट्राेल के दाम 14 और डीजल के 17 बार बढ़े। 1 फरवरी काे पेट्राेल 95.58 रुपए लीटर था, साेमवार काे 99.89 रुपए लीटर पर पहुंच गया। इसी तरह 1 फरवरी काे डीजल 85.77 रुपए लीटर था, लेकिन 22 फरवरी काे 90.44 रुपए लीटर पर आ गया। शहर में स्पीड पेट्राेल के दाम 98.69 रुपए से बढ़कर 103.03 रुपए लीटर हाे गए हैं।
1989 में 8.5 रु. लीटर था पेट्रोल
लाॅकडाउन व दाम बढ़ने से सेल गिरी, बंद करना पड़ रहा पंप
टिमरनी स्थित काेल्हटकर पेट्राेल पंप बंद हाे रहा है। पंप संचालक गणेश काेल्हटकर ने कंपनी काे पंप बंद करने पत्र लिख दिया है। पेट्राेल-डीजल रहने तक पंप चालू रहेगा। काेल्हटकर के मुताबिक काेराेना में लगे लाॅकडाउन में पंप बंद रहा। लगातार रेट बढ़ने के कारण बिक्री पर असर पड़ा है। इससे खर्च निकालना मुश्किल हाे रहा है। इसके चलते अब उन्हाेंने पंप बंद करने का निर्णय लिया है।
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