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सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर एवं कोर में चल रही इंटरनल पशु गणना का कार्य शनिवार को पूरा हो गया है। पशु गणना के पहले 3 दिन मांसाहारी वन्यजीव एवं बाद के 3 दिन शाकाहारी वन्य जीवों की गणना की गई। वन्य प्राणी गणना का कार्य एसटीआर की सभी 28 वीटों पर किया गया। वन कर्मचारियों द्वारा गणना की जानकारी को रेंज कार्यालय में जमा कर दिया गया है।
ऐसे हुआ पशुओं की गणना का काम
स्थान जमानी देव नाका: सुबह 6:30 पर 1 कर्मचारी 0 प्वाइंट पर डाटा लेते हैं एवं आसपास की जानकारी एकत्रित की जाती है कि वहां पर कितने पेड़ है वह किस किस प्रजाति के हैं। किसकी संख्या अधिक है इसके अलावा घास की प्रजाति खरपतवार आदि की जीपीएस रीडिंग ली जाती है अगर लाइन पर चलते वक्त कोई जानवर दिखता है तो उसकी दूरी देखकर डिग्री का कोण दिया जाता है।
सहरा पेट्रोलियम कैंप: सुबह 6:30 बजे 1 कर्मचारी गणना के लिए 0 प्वाइंट पर पहुंचते हैं। जहां पर सांभर की आवाज सुनाई देती है। थोड़ी दूरी पर चलने पर सांभर रास्ते पर चलता हुआ दिखाई देता है। जिसे पत्रक पर दर्ज किया जाता है। थोड़ा आगे चलने पर वन कर्मचारी को 3 बायसन दिखाई देते हैं। उसके थोड़े आगे चलने पर एक जलाशय के पास टाइगर के पगमार्ग एवं उसका विस्टा दिखाई देता है।
पशु के साथ वृक्ष और अन्य की होती है गणना
रेंजर जीएस निगबाल ने बताया कि पशु गणना में लगे कर्मचारी को वन्य प्राणियों की गणना के साथ वहां के माहौल वृक्ष झाड़ियां घास वनस्पति आदि की भी गणना करनी होती है इसकी गणना के लिए 15 मीटर का एक गोलाकार बनाया जाता है जिसमें पहले बड़े वृक्ष उनकी संख्या आदि को घटते क्रम में लिखा जाता है।
पॉजिटिव- आज आसपास का वातावरण सुखद बना रहेगा। प्रियजनों के साथ मिल-बैठकर अपने अनुभव साझा करेंगे। कोई भी कार्य करने से पहले उसकी रूपरेखा बनाने से बेहतर परिणाम हासिल होंगे। नेगेटिव- परंतु इस बात का भी ध...
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