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- Kavita Chauhan's Composition 'You' Of Indore;... Sometimes Sunshine Is Sometimes Shade, You Are The Rudder Of My Mind's Boat
BHASKAR कला-साहित्य मंच:इंदौर की कविता चौहान की रचना 'तुम';... कभी धूप कभी छांव हो, मेरे मन रूपी नाव की पतवार हो...
कैसे कहूं तुम कौन हो, मन का मीत जीवन का संगीत हो
कभी धूप कभी छांव हो, मेरे मन रूपी नाव की पतवार हो।
मेरा आज, मेरा कल भी तुम हो
मेरा अतीत भी तुम, भविष्य भी तुम।
मेरा रूठना भी तुम, मनाना भी तुम
मेरी आन भी तुम, मेरी शान भी तुम।
मेरा रूप भी तुम, मेरा श्रृंगार भी तुम
मेरे शब्द भी तुम, मेरी आवाज भी तुम।
मेरा शरीर भी तुम, मेरी परछाई भी तुम
मेरे जीवन रूपी नदी में बहती तेज धार हो तुम।
तुम्हीं से मेरी गति, तुम्हीं से दिशा
मेरा आरंभ भी तुम, मेरी इति भी तुम।
कैसे कहूं तुम कौन हो।।
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